स्वस्थ जीवन की पहली सीढ़ी स्वच्छता: गाँधीय दृष्टिकोण
Author(s): पिंकी मीना
Abstract: सृषà¥à¤Ÿà¤¿ के सरà¥à¤µà¥‹à¤šà¥à¤š सà¥à¤¤à¤° पर होने के कारण मनà¥à¤·à¥à¤¯ में सà¥à¤µà¤šà¥à¤›à¤¤à¤¾ का सà¥à¤¤à¤° à¤à¥€ उचà¥à¤š होना चाहिà¤à¥¤ गांधी à¤à¤• à¤à¤¸à¥‡ वà¥à¤¯à¤µà¤¹à¤¾à¤°à¤¿à¤• आदरà¥à¤¶à¤µà¤¾à¤¦à¥€ वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿ थे जिनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने सà¥à¤µà¤šà¥à¤›à¤¤à¤¾ में ईशà¥à¤µà¤° का निवास खोजा। सà¥à¤µà¤šà¥à¤›à¤¤à¤¾ को आज संकà¥à¤šà¤¿à¤¤ दायरे से आगे ले जाकर नागरिकों के शारीरिक व मानसिक विकास से जोड़ने की आवशà¥à¤¯à¤•à¤¤à¤¾ है। गांधी के अनà¥à¤¸à¤¾à¤° निरोग शरीर में ही निरà¥à¤µà¤¿à¤•à¤¾à¤° मन का वास होता है तथा सà¥à¤µà¤¾à¤¸à¥à¤¥à¥à¤¯ के साधारण से नियमों का पालन करके हम तंदà¥à¤°à¥à¤¸à¥à¤¤ रह सकते हैं ।
गांधी के आशà¥à¤°à¤® में à¤à¥€ सà¥à¤µà¤šà¥à¤›à¤¤à¤¾ पर विशेष जोर दिया जाता था वहां गांधी सà¥à¤µà¤¯à¤‚ संडास सफाई का कारà¥à¤¯ करते थे ताकि यह गतिविधि सà¤à¥€ की दिनचरà¥à¤¯à¤¾ का अà¤à¤¿à¤¨à¥à¤¨ हिसà¥à¤¸à¤¾ बन सके। गांधी à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯à¥‹à¤‚ की कम सफाई की आदतों का वरà¥à¤£à¤¨ करते हà¥à¤ रेलवे व तीरà¥à¤¥ सà¥à¤¥à¤¾à¤¨à¥‹à¤‚ में फैली गंदगी व बदबूदार वातावरण के बारे में नाराजगी वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤ करते हैं । गांधी के अनà¥à¤¸à¤¾à¤° सà¥à¤µà¤šà¥à¤›à¤¤à¤¾ वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿ को हर तरफ से आतà¥à¤®à¤µà¤¿à¤¶à¥à¤µà¤¾à¤¸à¥€, अनà¥à¤¶à¤¾à¤¸à¤¿à¤¤ व सà¥à¤ªà¤·à¥à¤Ÿ नजरिया वाला इंसान बनाती है। गंदे शौचालयों के इसà¥à¤¤à¥‡à¤®à¤¾à¤² से हम बीमारियों को नà¥à¤¯à¥‹à¤¤à¤¾ देते हैं जो पैसा व समय दोनों की बरà¥à¤¬à¤¾à¤¦à¥€ करते हैं। सफाई के कारà¥à¤¯ को उतà¥à¤•à¥ƒà¤·à¥à¤Ÿ मानकर ही उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने मैला ढोने वालों को षà¥à¤¹à¤°à¤¿à¤œà¤¨à¤·à¥ से संबोधित किया ।
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How to cite this article:
पिंकी मीना. स्वस्थ जीवन की पहली सीढ़ी स्वच्छता: गाँधीय दृष्टिकोण. Int J Hist 2022;4(2):185-187.