पà¥à¤°à¥à¤·à¤¾à¤°à¥à¤¥ की वैचारिकता व औचितà¥à¤¯
Author(s): परितोष कड़ेला
Abstract: पà¥à¤°à¤¾à¤šà¥€à¤¨ हिंदू विचारधारा या विसà¥à¤¤à¥ƒà¤¤ अरà¥à¤¥ में पà¥à¤°à¤¾à¤šà¥€à¤¨ à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ संसà¥à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿ में à¤à¥Œà¤¤à¤¿à¤• व आधà¥à¤¯à¤¾à¤¤à¥à¤®à¤¿à¤• दोनों विचारधाराओं का समà¥à¤®à¤¿à¤¶à¥à¤°à¤£,सामंजसà¥à¤¯ और अपूरà¥à¤µ संबंध में देखने को मिलता है| à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ संसà¥à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿ का मानना है कि शारीरिक आवशà¥à¤¯à¤•à¤¤à¤¾à¤“ं की पूरà¥à¤¤à¤¿ के लिठमानव संसार में à¤à¥Œà¤¤à¤¿à¤• जीवन में तथा संयम, नियम और आदरà¥à¤¶ से परिपूरà¥à¤£ आधà¥à¤¯à¤¾à¤¤à¥à¤®à¤¿à¤• जीवन में कोई सà¥à¤¥à¤¾à¤ˆ विà¤à¤¾à¤œà¤¨ और विरोध नहीं है लेकिन à¤à¥‹à¤— सरà¥à¤µà¤¸à¥à¤¯ जीवन को ही पूरà¥à¤£ अपना लेना उचित नहीं है कà¥à¤¯à¥‹à¤‚कि यह सब सांसारिक à¤à¤¶à¥à¤µà¤°à¥à¤¯ असà¥à¤¥à¤¿à¤° है यह धीरे-धीरे नषà¥à¤Ÿ हो जाà¤à¤—ा और इसके पशà¥à¤šà¤¾à¤¤ इस जीवन को आधà¥à¤¯à¤¾à¤¤à¥à¤®à¤¿à¤• उनà¥à¤¨à¤¤à¤¿ में लगाना आवशà¥à¤¯à¤• है ताकि परलोक में सà¥à¤– मिले अथवा आधà¥à¤¯à¤¾à¤¤à¥à¤®à¤¿à¤• सà¥à¤– की पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤à¤¿ हो | पà¥à¤°à¤¾à¤šà¥€à¤¨ कालीन à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ विचारकों ने उपयà¥à¤•à¥à¤¤ दोनों विचारधारा में संबंध में सà¥à¤¥à¤¾à¤ªà¤¿à¤¤ कर मनà¥à¤·à¥à¤¯ के जीवन को आधà¥à¤¯à¤¾à¤¤à¥à¤®à¤¿à¤• à¤à¥Œà¤¤à¤¿à¤• और नैतिक दृषà¥à¤Ÿà¤¿ से उनà¥à¤¨à¤¤ करने के निमितà¥à¤¤ पà¥à¤°à¥à¤·à¤¾à¤°à¥à¤¥ के नाम से अपने दारà¥à¤¶à¤¨à¤¿à¤• विचारों की नियोजना और वà¥à¤¯à¤¾à¤–à¥à¤¯à¤¾ की |
पà¥à¤°à¥à¤·à¤¾à¤°à¥à¤¥ चतà¥à¤·à¥à¤Ÿà¤¯ की अवधारणा के चार à¤à¤¾à¤— हैं - यह है धरà¥à¤® अरà¥à¤¥ काम और मोकà¥à¤· |
पà¥à¤°à¥à¤·à¤¾à¤°à¥à¤¥ चतà¥à¤·à¥à¤Ÿà¤¯ धरà¥à¤® अरà¥à¤¥ काम मोकà¥à¤· अपनी संतà¥à¤²à¤¿à¤¤ अवसà¥à¤¥à¤¾ में आदरà¥à¤¶ वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿à¤¤à¥à¤µ या जीवन का पà¥à¤°à¤¤à¥€à¤• है | शà¥à¤°à¥à¤¤à¤¿ यà¥à¤— से पà¥à¤°à¥à¤·à¤¾à¤°à¥à¤¥ रूपी धारा आज तक अनंत रूप से पà¥à¤°à¤à¤¾à¤µ मान है| इस आदरà¥à¤¶ के अनà¥à¤¸à¤¾à¤° मानव जीवन केवल अधिकारों को ही नहीं बलà¥à¤•à¤¿ करà¥à¤¤à¤µà¥à¤¯à¥‹à¤‚ को à¤à¥€ सूचित करता है तथा तà¥à¤¯à¤¾à¤—मय करà¥à¤¤à¤µà¥à¤¯à¤®à¤¯ व अनà¥à¤¶à¤¾à¤¸à¤¿à¤¤ जीवन का पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤¨à¤¿à¤§à¤¿à¤¤à¥à¤µ करता है | इन सब के महतà¥à¤µà¤ªà¥‚रà¥à¤£ समनà¥à¤µà¤¯ से जीवन की परम पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤à¤¿ सरल होती है| अनà¥à¤¶à¤¾à¤¸à¤¨ और करà¥à¤¤à¤µà¥à¤¯ मानव जीवन का धरà¥à¤® है उसका ही अरà¥à¤¥ और काम पकà¥à¤· तथा परम पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤à¤¿ को मोकà¥à¤· कहा गया है इस तरह मानव जीवन के सरà¥à¤µà¤¾à¤‚गीण वॠसंतà¥à¤²à¤¿à¤¤ विकास के लिठà¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ मनीषियों ने जिस चिंतना को अंगीकार किया उसे पà¥à¤°à¥à¤·à¤¾à¤°à¥à¤¥ चतà¥à¤·à¥à¤Ÿà¤¯ के नाम से जाना जाता है |:
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How to cite this article:
परितोष कड़ेला. पà¥à¤°à¥à¤·à¤¾à¤°à¥à¤¥ की वैचारिकता व औचितà¥à¤¯. Int J Hist 2020;2(2):149-155.