शेखावाटी के ग्रामीण अंचल की स्थापत्य एवं भित्ति चित्रकला में सांस्कृतिक और सामाजिक जीवनः एक अध्ययन
Author(s): पूनम पिलानिया एवं डॉ. राजेश कुमार पूनिया
Abstract: शेखावाटी राजस्थान का एक प्रमुख सांस्कृतिक एवं ऐतिहासिक क्षेत्र है, जो झुंझुनू, सीकर और चूरू जिलों के अंतर्गत आता है। 15वीं से 19वीं शताब्दी के दौरान यहाँ पर शेखावत राजपूतों के शासन के कारण इस क्षेत्र को श्शेखावाटीश् नाम प्राप्त हुआ। यह क्षेत्र अपनी भित्तिचित्र कला, हवेलियों, मंदिरों, किलों और महलों के लिए विश्वविख्यात है। प्रारंभिक भित्तिचित्र धार्मिक और पौराणिक विषयों पर केंद्रित थे, जबकि समय के साथ इनमें सामाजिक, ऐतिहासिक और औपनिवेशिक प्रभाव भी सम्मिलित हुए। ब्रिटिश आगमन और व्यापारिक गतिविधियों ने यहाँ की कला में नवीनता और विविधता का संचार किया, जिसके परिणामस्वरूप विदेशी शैली, वाणिज्यिक दृश्य और औद्योगिक प्रभाव भी चित्रण में दिखाई देने लगे। मारवाड़ी व्यापारी वर्ग ने अपनी समृद्धि को हवेलियों, मंदिरों और कुओं पर सजाए गए भित्तिचित्रों के माध्यम से अभिव्यक्त किया। शेखावाटी की भित्तिचित्र परंपरा न केवल कलात्मक सौंदर्य का प्रतीक है, बल्कि यह क्षेत्रीय समाज, सांस्कृतिक जीवन, धार्मिक आस्था और ऐतिहासिक घटनाओं का दृश्य अभिलेख भी प्रस्तुत करती है। इसके अध्ययन से कला के विकास, सांस्कृतिक आदान-प्रदान और सामाजिक परिवर्तनों की गहन समझ प्राप्त होती है।
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How to cite this article:
पूनम पिलानिया एवं डॉ. राजेश कुमार पूनिया. शेखावाटी के ग्रामीण अंचल की स्थापत्य एवं भित्ति चित्रकला में सांस्कृतिक और सामाजिक जीवनः एक अध्ययन. Int J Hist 2025;7(8):35-37.