प्राचीन भारतीय ज्ञान परंपरा एवं इसकी वर्तमान प्रासंगिकता
Author(s): कलम बाई चौहान
Abstract:
बदलते सामाजिक परिवेश और भारतीय मूल्यों के बीच हमारी शिक्षा व्यवस्था को समावेशी बनाना अति आवश्यक है यह समावेशी व्यवस्था भारतीय ज्ञान परंपरा को लिये बगेर नहीं चल सकती | भारतीय ज्ञान परंपरा विश्व की सबसे प्राचीन एवं समग्र ज्ञान प्रणालियों में से एक है । यह न केवल आध्यात्मिकता, दर्शन और धर्म तक सीमित है, बल्कि विज्ञान, गणित, चिकित्सा, वास्तुशास्त्र, कला, और पर्यावरणीय संतुलन जैसे विविध क्षेत्रों में भी गहन योगदान देती है । वर्तमान युग में जहाँ वैश्वीकरण और तकनीकीकरण ने पारंपरिक मूल्यों को चुनौती दी है, वहीं भारतीय ज्ञान परंपरा अपने मानवीय और समग्र दृष्टिकोण के कारण पुनः प्रासंगिक हो रही है । इस शोध-पत्र का उद्देश्य भारतीय ज्ञान परंपरा की ऐतिहासिक जड़ों, उसके प्रमुख घटकों, वर्तमान परिदृश्य, चुनौतियों और संभावनाओं का विश्लेषण करना है जिससे कि प्राचीन भारतीय ज्ञान परंपरा को समकालीन शिक्षा और जीवनशैली में एकीकृत किया जा सकता है |