कैलादेवी मेले का प्रमुख आकर्षण लांगुरियाः लोक संस्कृति का परिचायक
Author(s): शिल्पी गुप्ता, अभिलाषा मीना
Abstract: यह शोध पत्र करौली जिले के लोक संस्कृति का परिचायक है। करौली जिला राजस्थान के पूर्वांचल में स्थित है जिसका क्षेत्रीय विस्तार 260 30‘ से 260 99‘ उत्तरी अक्षांश तथा 76034‘ से 76024‘ पूर्वी देशान्तर के मध्य अवस्थित है। उत्तर में भरतपुर, पूर्व में धौलपुर, दक्षिण में सवाई माधोपुर तथा व उत्तर-पश्चिम में दौसा जिला से करौली जिले की सीमाएं लगती है तथा चम्बल नदी जो कि बीहड़ो के लिए प्रसिद्ध है राजस्थान व मध्यप्रदेश की सीमा का निर्धारण करती है। करौली जिला प्राचीन काल में शूरसेन व मत्स्य महाजनपद के अंतर्गत आता था। यह प्राचीन काल से ही इतिहास, संस्कृति व कला का केन्द्ध रहा है। यहाँ पर यादव वंश का शासन रहा है। इसलिए यहाँ की लोक संस्कृति राजस्थान एवं ब्रज की लोक संस्कृति के समन्वित रूप में विकसित एवं पल्लिवत हुई है। ‘लांगुरिया‘ के माध्यम से न केवल करौली जिला अपितु पूर्वी राजस्थान तथा सम्पूर्ण ब्रज मंडल की लोक संस्कृति, इतिहास व लोक विश्वास को देखा जा सकता है। यह राजस्थान के साथ-साथ उत्तरप्रदेश की समृद्ध सांस्कृतिक एवं धार्मिक विरासत है। हमारी संस्कृति का प्रमुख आधार लोकारंजन रहा है। इसी कारण जन जीवन में मेले, पर्व और उत्सवों का महत्वपूर्ण स्थान है जो कि यहाँ की जनता के लिए लोकाधार है। इन मेलों में यहाँ की लोक संस्कृति के साक्षात् दर्शन होते है। कैलादेवी मंदिर के सामने हनुमानजी का मंदिर है। जिसे लांगुरिया का मंदिर कहा जाता है। कैलादेवी मेले के दौरान माँ कैला को प्रसन्न करने के लिए जो गीत गाये जाते हैं वे लांगुरिया लोक गीत तथा इन गीतों के साथ जो नृत्य किया जाता है वह लांगुरिया लोक नृत्य कहलाता है। मेले के दौरान सम्पूर्ण करौली लांगुरियामय हो जाती है। मेले में आने वाला पुरूष लांगुरिया व महिला जोगिन कहलाती है। लांगुरिया को लेकर हल्के-फुल्के व्यंग्य भी कंसे जाते है, लोक आस्था है कि कैलादेवी अपनी जयघोष से इतनी प्रसन्न नहीं होती जितनी की लांगुरिया के जयघोष से होती हैै। कैलादेवी मेले में किए जाने वाले नृत्य और गाये जाने वाले लांगुरिया लोक गीत समाज में प्रचलित परम्पराओं, विश्वासों, रीति-रिवाजों, कला-संस्कृति व इतिहास, लोककथा, लोक साहित्य, प्रेम एवं भक्ति आादि हमारी लोक सांस्कृतिक परम्पराओं का परिचायक हैै।
शिल्पी गुप्ता, अभिलाषा मीना. कैलादेवी मेले का प्रमुख आकर्षण लांगुरियाः लोक संस्कृति का परिचायक. Int J Hist 2025;7(12):10-14. DOI: 10.22271/27069109.2025.v7.i12a.578