जीरावला पार्श्वनाथ जैन मंदिर (ऐतिहासिकता के विशेष संदर्भ में)
Author(s): सुरेश कुमार, डॉ. सुमन राठौड
Abstract:
इस प्रस्तुत शोध-पत्र में सिरोही जिले का प्रसिद्ध युगयुगीन जीरावला पार्श्वनाथ जैन मंदिर तीर्थ का ऐतिहासिक एवं धार्मिक परिपेक्ष्य में विस्तारपूर्वक अध्ययन किया गया है। मंदिर का अतीत काल से अब तक की विशेषताएं, क्षेत्रीय परम्परा के साथ धार्मिकता को लिए हुए संस्कृति किस प्रकार रही है। ऐतिहासिक दृष्टिकोण में मंदिर सीमित परिधि में न होकर तीर्थ की श्रेणी में विशेष आयाम रखते है, जिसमें धार्मिक, आर्थिक, सांस्कृतिक एवं बौद्धिक आयाम दृष्टिगोचर होता है। युग-युगों से लोक संस्कृतियां एवं परम्पराओं को मिलाकर यह मंदिर आर्थिक एवं सांस्कृतिक महत्व को बढावा देती है।
जीरावला पार्श्वनाथ जैन मंदिर एवं तीर्थ के मूलनायक के साथ-साथ 108 विभिन्न पार्श्वनाथ प्रतिमाओं एवं अन्य प्रतिमाओं, विभिन्न अभिलेखों, विभिन्न भवनों, जीर्णोद्धारों, प्राण-प्रतिष्ठाओं एवं क्षेत्र का विस्तृत वर्णन है। इस मंदिर-तीर्थ का इतिहास के अतीत के झरोखों से वास्तु-संस्कृति के महत्व का भी विस्तृत अध्ययन किया है।
सुरेश कुमार, डॉ. सुमन राठौड. जीरावला पार्श्वनाथ जैन मंदिर (ऐतिहासिकता के विशेष संदर्भ में). Int J Hist 2023;5(1):169-173. DOI: 10.22271/27069109.2023.v5.i1c.208