International Journal of History | Logo of History Journal
  • Printed Journal
  • Refereed Journal
  • Peer Reviewed Journal

International Journal of History

2021, Vol. 3, Issue 2, Part A

वर्तमान में पतंजलि योगदर्शन का महत्व


Author(s): डॉ. शालिनी चौधरी

Abstract: महर्षि पंतजलि ने आज से हजारों वर्ष पूर्व योग को चित्त की वृत्तियों के निरोध’ रूप में परिभाषित किया। उनके द्वारा मानव कल्याण के लिये किया गया यह महत्वपूर्ण कार्य आज भी उतना ही प्रासंगिक है जितना कि पहले था। महर्षि पतंजलि ने अपने योगसूत्र में पूर्ण कल्याण अर्थात् शारीरिक, मानसिक और आध्यात्मिक के लिये अष्टांग योग का मार्ग बताया है। वर्तमान में जीवन में उत्पन्न विकृतियों के कारण अनेकों बीमारियों ने मानव शरीर को अपना घर बना लिया है। इन बीमारियों का निराकरण योगाभ्यास द्वारा जीवन शैली को परिवर्तित करके किया जा सकता है। यह हमें मानसिक एकाग्रता प्रदान करता है तथा आध्यात्म के क्षेत्र में आत्मा के परमात्मा से मिलन में सहायक बनता है। वर्तमान में योग हमारी आवश्यकता बन चुका है।यह हमें तनाव से मुक्त करके संतोष, शान्ति, ताकत और आत्मा को शुद्ध करता है। आसन, प्राणायाम और ध्यान के माध्यम से स्वस्थ रहकर हम समाज के लिये अपना योगदान कर सकते हैं।

Pages: 46-48 | Views: 598 | Downloads: 117

Download Full Article: Click Here
How to cite this article:
डॉ. शालिनी चौधरी. वर्तमान में पतंजलि योगदर्शन का महत्व. Int J Hist 2021;3(2):46-48.
International Journal of History

International Journal of History

International Journal of History
Call for book chapter