वरà¥à¤¤à¤®à¤¾à¤¨ में पतंजलि योगदरà¥à¤¶à¤¨ का महतà¥à¤µ
Author(s): डॉ. शालिनी चौधरी
Abstract: महरà¥à¤·à¤¿ पंतजलि ने आज से हजारों वरà¥à¤· पूरà¥à¤µ योग को चितà¥à¤¤ की वृतà¥à¤¤à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ के निरोध’ रूप में परिà¤à¤¾à¤·à¤¿à¤¤ किया। उनके दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ मानव कलà¥à¤¯à¤¾à¤£ के लिये किया गया यह महतà¥à¤µà¤ªà¥‚रà¥à¤£ कारà¥à¤¯ आज à¤à¥€ उतना ही पà¥à¤°à¤¾à¤¸à¤‚गिक है जितना कि पहले था। महरà¥à¤·à¤¿ पतंजलि ने अपने योगसूतà¥à¤° में पूरà¥à¤£ कलà¥à¤¯à¤¾à¤£ अरà¥à¤¥à¤¾à¤¤à¥ शारीरिक, मानसिक और आधà¥à¤¯à¤¾à¤¤à¥à¤®à¤¿à¤• के लिये अषà¥à¤Ÿà¤¾à¤‚ग योग का मारà¥à¤— बताया है। वरà¥à¤¤à¤®à¤¾à¤¨ में जीवन में उतà¥à¤ªà¤¨à¥à¤¨ विकृतियों के कारण अनेकों बीमारियों ने मानव शरीर को अपना घर बना लिया है। इन बीमारियों का निराकरण योगाà¤à¥à¤¯à¤¾à¤¸ दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ जीवन शैली को परिवरà¥à¤¤à¤¿à¤¤ करके किया जा सकता है। यह हमें मानसिक à¤à¤•à¤¾à¤—à¥à¤°à¤¤à¤¾ पà¥à¤°à¤¦à¤¾à¤¨ करता है तथा आधà¥à¤¯à¤¾à¤¤à¥à¤® के कà¥à¤·à¥‡à¤¤à¥à¤° में आतà¥à¤®à¤¾ के परमातà¥à¤®à¤¾ से मिलन में सहायक बनता है। वरà¥à¤¤à¤®à¤¾à¤¨ में योग हमारी आवशà¥à¤¯à¤•à¤¤à¤¾ बन चà¥à¤•à¤¾ है।यह हमें तनाव से मà¥à¤•à¥à¤¤ करके संतोष, शानà¥à¤¤à¤¿, ताकत और आतà¥à¤®à¤¾ को शà¥à¤¦à¥à¤§ करता है। आसन, पà¥à¤°à¤¾à¤£à¤¾à¤¯à¤¾à¤® और धà¥à¤¯à¤¾à¤¨ के माधà¥à¤¯à¤® से सà¥à¤µà¤¸à¥à¤¥ रहकर हम समाज के लिये अपना योगदान कर सकते हैं।
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How to cite this article:
डॉ. शालिनी चौधरी. वरà¥à¤¤à¤®à¤¾à¤¨ में पतंजलि योगदरà¥à¤¶à¤¨ का महतà¥à¤µ. Int J Hist 2021;3(2):46-48.