ऐतिहासिक परिप्रेक्ष्य में चम्पारण सत्याग्रह आन्दोलन और महात्मा गाँधी
Author(s): डाॅ. देवेन्द्र कुमार आजाद
Abstract: भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के इतिहास में चम्पारण का नाम अत्यन्त ही महत्वपूर्ण है। प्राचीन काल से ही यह भू-भाग मिथिला की सीमाओं के अन्तर्गत रहा। महात्मा गाँधी ने विदेष में सत्याग्रह का प्रयोग किया था। वहीं से प्रत्यागमन के पष्चात उन्होंने उस नवीन अस्त्र का साहसपूर्ण एवं सफल प्रयोग भारत-भूमि में सर्वप्रथम चम्पारण जिले में ही किया। सभी प्रकार के मानव कष्टों के निवारणार्थ उनके सिद्धान्तानुसार सत्याग्रह सर्वोत्तम औषधि थी। किन्तु उसके उचित प्रयोग के लिए आत्मबल की आवष्यकता वे बताते थे। जिसकी प्राप्ति सत्य, अहिंसा, सेवा, त्याग, एवं आत्म-षुद्धि पर आधारित है। महात्मा गाँधी ने सत्याग्रह के सिद्धान्तों के आधार पर कार्य कर चम्पारण जिले की जनता का कष्ट दूर किया था। उसी का सफल प्रयोग उन्होंने अखिल-भारतवर्षीय कांग्रेस के माध्यम से विषाल रूप में अंगे्रजी षासन से भारत को मुक्त करने के हेतु किया। चम्पारण में निलहे कोठी वाले अंग्रेजों के अत्याचारों से वही की प्रजा को मुक्ति सत्याग्रह द्वारा मिली, और भारतवर्ष भी अन्ततः विदेषियों की दासता से उसी के द्वारा मुक्त हुआ।
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डाॅ. देवेन्द्र कुमार आजाद. ऐतिहासिक परिप्रेक्ष्य में चम्पारण सत्याग्रह आन्दोलन और महात्मा गाँधी. Int J Hist 2020;2(2):191-193.