राहुल सांकृत्यायन की साहित्य संबंधी विचारधारा
Author(s): डाॅ. निशा झा
Abstract: राहुल सांकृत्यायन के साहित्य चिन्तन में प्रगतिवादी विचारधारा एवं बौद्ध दर्शन का प्रभाव स्पष्टतः दृष्टिगोचर होता है। दर्शन में जिसे माक्र्सवाद कहा जाता है, उसी प्रकार साहित्य में उसे प्रगतिवाद कहते हैं। चूँकि राहुल सांकृत्यायन पर माक्र्सवादी दर्शन का भी प्रभाव था, इसी कारण उनके साहित्य चिन्तन में प्रगतिवादी एक प्रेरक तत्व के रूप में है। राहुल सांकृत्यायन द्वारा लिखित ‘प्रगतिशीलता का प्रश्न’, ‘प्रगतिशील लेखक’ एवं ‘आज का साहित्यकार’ आदि लेखों में जहाँ एक ओर उनकी प्रगतिवादी विचारधारा परिलक्षित होती है तो दूसरी ओर कई स्थानों पर वे एक समीक्षक के रूप में भी नजर आते हैं।
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डाॅ. निशा झा. राहुल सांकृत्यायन की साहित्य संबंधी विचारधारा. Int J Hist 2020;2(2):146-148.