मधà¥à¤¯à¤•à¤¾à¤²à¥€à¤¨ साहितà¥à¤¯ और संसà¥à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿ का à¤à¤¤à¤¿à¤¹à¤¾à¤¸à¤¿à¤• परिदृशà¥à¤¯
Author(s): डाॅ. पà¥à¤·à¥à¤ªà¤¾ कà¥à¤®à¤¾à¤°à¥€
Abstract: à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ इतिहास की परमà¥à¤ªà¤ªà¤°à¤¾ में गà¥à¤ªà¥à¤¤à¤¯à¥à¤— के बाद दूसरा महतà¥à¤¤à¥à¤µà¥‚परà¥à¤£ यà¥à¤— मधà¥à¤¯à¤¯à¥à¤— का मà¥à¤—लकाल ही माना जा सकता है। यही à¤à¤• à¤à¤¸à¤¾ काल था जब à¤à¤¾à¤°à¤¤ में राजनीति, धरà¥à¤®, समाज, साहितà¥à¤¯ और कला आदि के कà¥à¤·à¥‡à¤¤à¥à¤° में कतिपय नवीनताओं, विचितà¥à¤°à¤¤à¤¾à¤“ं, संगतियों और विसंगतियों आदि का आधान हà¥à¤†à¥¤ वसà¥à¤¤à¥à¤¤à¤ƒ यह यà¥à¤— दो संसà¥à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ के मिलन का यà¥à¤— था। à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ और मà¥à¤—ल सांसà¥à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿ के मिलन से à¤à¤• नई संसà¥à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿ का जनà¥à¤® हà¥à¤†à¥¤ इस नवजात संसà¥à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿ ने à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ जीवन के लगà¤à¤— सà¤à¥€ पकà¥à¤·à¥‹à¤‚ और परिवेशों को बड़ी गहराई तक सà¥à¤ªà¤°à¥à¤¶ किया इससे पà¥à¤°à¤à¤¾à¤µà¤¿à¤¤ होकर अनेक कथाकारों ने à¤à¤¤à¤¿à¤¹à¤¾à¤¸à¤¿à¤• कथा साहितà¥à¤¯ की रचना की।
मधà¥à¤¯à¤•à¤¾à¤²à¥€à¤¨ साहितà¥à¤¯ का वातावरण, वैयकà¥à¤¤à¤¿à¤• परिसà¥à¤¥à¤¿à¤¤à¤¿à¤¯à¤¾à¤ à¤à¥Œà¤¤à¤¿à¤• साधन वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿ और समाज, की सांसà¥à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿à¤• विवेक का सà¥à¤µà¤°à¥‚प देते रहे हैं। पà¥à¤°à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿ की सीमाओं में मनà¥à¤·à¥à¤¯ ने जो विजय चाही उसका à¤à¥Œà¤¤à¤¿à¤• सà¥à¤µà¤°à¥‚प, सà¤à¥à¤¯à¤¤à¤¾ और आतà¥à¤®à¤¿à¤• अथवा सà¥à¤µà¤°à¥‚प संसà¥à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿ हैं। सà¤à¥à¤¯à¤¤à¤¾ बाहà¥à¤¯ पà¥à¤°à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿ पर हमारी विजय गरà¥à¤µ धà¥à¤µà¤œ है और संसà¥à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿ अनà¥à¤¤à¤ƒ पà¥à¤°à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿ और विजय की पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤à¤¿ की सिदà¥à¤§ सामाजिक संसà¥à¤¥à¤¾à¤¨, आरà¥à¤¥à¤¿à¤• पà¥à¤°à¥‡à¤°à¤£ पà¥à¤°à¤•à¥à¤°à¤¿à¤¯à¤¾ और à¤à¥Œà¤—ोलिक सà¥à¤¥à¤¿à¤¤à¤¿ की à¤à¥‚मिका मानसिक घात-पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤˜à¤¾à¤¤, कà¥à¤°à¤¿à¤¯à¤¾ और जà¥à¤žà¤¾à¤¨à¤¾à¤¤à¥à¤®à¤• विकास होते हैं। संसà¥à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿ वह संगम है जो जीवन की संगति और सामंजसà¥à¤¯à¤ªà¥‚रà¥à¤£ सततॠपà¥à¤°à¤µà¤¹à¥à¤®à¤¾à¤¨ चीर-चैतनà¥à¤¯ धारा की इकाई है। सामाजिक à¤à¥‚मिका में मानवारà¥à¤œà¤¿à¤¤ कà¥à¤·à¤®à¤¤à¤¾ का à¤à¤µà¤‚ जà¥à¤žà¤¾à¤¨, आसà¥à¤¥à¤¾ कला, नैतिकता, कानून, रीति-नीति को सà¥à¤µà¤°à¥‚प देती है। जीवन की à¤à¥Œà¤¤à¤¿à¤• पà¥à¤°à¤£à¤¾à¤²à¥€ आधà¥à¤¯à¤¾à¤¤à¥à¤®à¤¿à¤• पà¥à¤°à¥‡à¤°à¤£à¤¾ को सà¥à¤µà¤°à¥‚प देती है आधà¥à¤¯à¤¾à¤¤à¥à¤®à¤¿à¤• सांसà¥à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿à¤• जà¥à¤žà¤¾à¤¨ à¤à¥Œà¤¤à¤¿à¤•à¤¤à¤¾ का अनà¥à¤¶à¤¾à¤¸à¤¨ है। नाना-पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤° की धरà¥à¤®-साधनाओं, कलातà¥à¤®à¤• पà¥à¤°à¤¯à¤¤à¥à¤¨à¥‹à¤‚ और सेवा à¤à¤•à¥à¤¤à¤¿ अथवा योग मूलक अनà¥à¤à¥‚तियाठमें जीवन का सतà¥à¤¯ ही वà¥à¤¯à¤¾à¤ªà¤• और परिपूरà¥à¤£ रूप पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤ करता रहा है। जनà¥à¤®à¤œà¤¾à¤¤ संसà¥à¤•à¤¾à¤°, à¤à¥Œà¤¤à¤¿à¤• पà¥à¤°à¤£à¤¾à¤²à¥€, सांसà¥à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿à¤• जà¥à¤žà¤¾à¤¨ की à¤à¥‚मिका में जीवन अनà¥à¤ªà¥à¤°à¤£à¤¿à¤¤, नियंतà¥à¤°à¤¿à¤¤ और अनà¥à¤¶à¤¾à¤¸à¤¿à¤¤ होता रहा है।
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डाॅ. पà¥à¤·à¥à¤ªà¤¾ कà¥à¤®à¤¾à¤°à¥€. मधà¥à¤¯à¤•à¤¾à¤²à¥€à¤¨ साहितà¥à¤¯ और संसà¥à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿ का à¤à¤¤à¤¿à¤¹à¤¾à¤¸à¤¿à¤• परिदृशà¥à¤¯. Int J Hist 2020;2(2):69-71.