क्रांतिकारी राष्ट्रवाद और बिहार
Author(s): कल्पना कुमारी
Abstract: बिहार में 19वीं शताब्दी के आरंभिक दशक में क्रांतिकारी राष्ट्रवाद का उद्भव तथा विकास हुआ। यद्यपि बिहार के राष्ट्रीय आंदोलन का इतिहास उस राष्ट्रीय मुक्ति आंदोलन की प्रतिगामी चेतना और जन-आधार का इतिहास है। जिसकी शुरूआत बिहार के उदीयमान बुर्जुआ और व्यवसायी वर्ग के थोड़े से लोगों ने अपने उन थोड़े से सीमित उद्देश्यों को, जिनकों प्राप्त करने में उनके स्वार्थ ब्रिटिश औपनिवेशिक शासकों के स्वार्थों से टकराते थे, प्राप्त करने हेतु ध्यान में रखकर शुरू किया था और इतिहास की प्रक्रिया के साथ वह अपने पूर्ण स्वरूप को प्राप्त कर लिया। उदीयमान भारतीय बुर्जुआ वर्ग की जरूरत थी, उसकी मांगों के समर्थन में राष्ट्रीय गोलबंदी और ब्रिटिश उपनिवेशवादियों की जरूरत थी- इस राष्ट्रीय गोलबंदी के लिए मौजूद आधारों को तहस-नहस करके रखना, जो परस्पर विरोधी राजनीतिक लक्ष्यों का टकराव बिहार में राष्ट्रीय आंदोलन के शुरूआती दौर में देखा जा सकता है।
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कल्पना कुमारी. क्रांतिकारी राष्ट्रवाद और बिहार. Int J Hist 2020;2(2):21-23.