बिहार का क्रांतिकारी राष्ट्रवाद और आधुनिक शिक्षा
Author(s): कल्पना कुमारी
Abstract: बिहार का इतिहास हमेशा गौरवशाली रहा है। प्राचीन काल से ही यह सामाजिक, राजनीतिक तथा धार्मिक चेतना का केन्द्रबिन्दु रहा है। चन्द्रगुप्त, अशोक तथा शेरशाह - जैसे राजनायक और गुरू गोविन्द सरीखे धर्मगुरू बिहार की मिट्टी से ही पैदा हुए। गौतम बुद्ध तथा महावीर को ज्ञान-दीप्ति बिहार से ही मिली, जिसके फलस्वरूप उनका धर्म दुनिया के कोने-कोने तक पहुँचा। किसी भी राष्ट्र के निर्माण में उसकी शिक्षा पद्धति का बहुत बड़ा भाग होता है। शिक्षित वर्ग ही राष्ट्र के जीवन के विभिन्न क्षेत्रों में समाज का नेतृत्व करता है और उसकी प्रगति या अवनति के लिए उत्तरदायी होता है। भारत में भी आधुनिक शिक्षा का भारतीय समाज और राष्ट्र पर प्रभाव स्पष्ट है और यह कहना अनुचित नहीं है कि भारत का नव जागरण आधुनिक शिक्षा पद्धति और उसके नवीन आदर्शों के कारण ही संभव हुआ है। बंगाल में भारत में प्रत्यक्ष अंग्रेजी शासन का आरंभ हुआ। परन्तु एक लंबे समय तक कंपनी के डायरेक्टरों ने भारतीयों की शिक्षा के लिए कोई भी कदम उठाना अपना उत्तरदायित्व नहीं माना। जो कुछ भी प्रयत्न हुआ वह भारत में निवास करने वाले अंग्रेज अधिकारियों के प्रयत्नों से हुआ।
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How to cite this article:
कल्पना कुमारी. बिहार का क्रांतिकारी राष्ट्रवाद और आधुनिक शिक्षा. Int J Hist 2020;2(1):10-12.