भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन में बिहार की भूमिका: योगदान और चुनौतियाँ
Author(s): दीपक चौबे, रेणु कुमारी
Abstract: बिहार का स्वतंत्रता संग्राम भारतीय राष्ट्रीय आंदोलन का एक महत्वपूर्ण अध्याय है, जिसमें सामाजिक, राजनीतिक और सांस्कृतिक स्तर पर व्यापक गतिविधियाँ हुईं। इस आंदोलन में बिहार के विभिन्न वर्गों, खासकर स्त्रियों की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण रही। चंपारण सत्याग्रह जैसे आंदोलनों ने बिहार को आंदोलन का केंद्र बनाया और देश में सत्याग्रह एवं अहिंसा की महत्ता को स्थापित किया। बिहार के स्वतंत्रता सेनानियों ने न केवल ब्रिटिश शासन के खिलाफ संघर्ष किया, बल्कि सामाजिक समरसता, शिक्षा एवं जनचेतना के विकास में भी योगदान दिया। आंदोलन के दौरान अनेक सामाजिक बाधाओं जैसे जातिवाद, अशिक्षा, आर्थिक पिछड़ापन आदि का सामना करना पड़ा, लेकिन बिहारवासियों की एकजुटता और साहस ने उन्हें विजयी बनाया। स्वतंत्रता के बाद बिहार ने राजनीतिक नेतृत्व, भूमि सुधार, और सामाजिक न्याय के क्षेत्र में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। यह शोध बिहार के स्वतंत्रता संग्राम के विविध पहलुओं को समग्र रूप में प्रस्तुत करता है, जिसमें आंदोलन के इतिहास, प्रमुख व्यक्तित्वों, स्त्री भागीदारी, शिक्षा-जनजागरण और सामाजिक चुनौतियों का समावेश है।
Pages: 207-212 | Views: 20 | Downloads: 8Download Full Article: Click Here
How to cite this article:
दीपक चौबे, रेणु कुमारी. भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन में बिहार की भूमिका: योगदान और चुनौतियाँ. Int J Hist 2025;7(5):207-212.