जोधपुर के ग्रामीण अंचलों में विरासतीय पर्यटन का विकास : वर्तमान स्थिति और भविष्य की दिशा
Author(s): महेन्द्र कुमार, जुबैदा मिर्ज़ा
Abstract: प्रस्तुत
शोधपत्र “जोधपुर के ग्रामीण अंचलों में विरासतीय पर्यटन का विकास : वर्तमान स्थिति
और भविष्य की दिशा” जोधपुर के ग्रामीण क्षेत्रों में फैली समृद्ध ऐतिहासिक और सांस्कृतिक
विरासत की गहन विवेचना प्रस्तुत करता है। ग्रामीण अंचलों में ओसियाँ, बावड़ी, बिलाड़ा,
भोपालगढ़,फलोदी, सेतरावा, पीपाड़ शहर, बालेसर, शेरगढ़ के अतिरिक्त कई ग्रामीण
अंचल जोधपुर की पहचान हैं। जहाँ कई प्राचीन मंदिर, किले, बावड़ियाँ, छतरियाँ एवं अन्य
स्थापत्य कलाएँ स्थानीय जीवनशैली एवं सांस्कृतिक परंपराओं का जीवंत प्रतिबिंब हैं।
ये स्थल न केवल क्षेत्रीय इतिहास के महत्वपूर्ण साक्ष्य हैं, बल्कि ग्रामीण पर्यटन
के माध्यम से आर्थिक विकास और सामाजिक सशक्तिकरण की अपार संभावनाएँ भी प्रस्तुत करते
हैं। अध्ययन से स्पष्ट हुआ है, कि इन ग्रामीण विरासत स्थलों को प्रशासनिक उपेक्षा,
आधारभूत सुविधाओं का अभाव, सीमित स्थानीय सहभागिता और डिजिटल प्रचार-प्रसार की कमी
के कारण व्यापक पर्यटन विकास में बाधाएँ हैं। राजस्थान सरकार द्वारा लागू ग्रामीण पर्यटन
नीतियाँ और संरक्षण के प्रयास प्रारंभिक तो हैं, परन्तु इन्हें प्रभावी बनाने हेतु
समन्वित और दीर्घकालिक रणनीतियाँ आवश्यक हैं। शोध यह दर्शाता है, कि यदि ग्रामीण समुदायों
की सक्रिय भागीदारी, सतत पर्यटन के सिद्धांत, आधुनिक प्रबंधन और तकनीकी नवाचारों के
माध्यम से इन विरासत स्थलों का संवर्धन किया जाए, तो यह न केवल सांस्कृतिक संरक्षण
सुनिश्चित करेगा, बल्कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती प्रदान करते हुए जोधपुर को
राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय पर्यटन मानचित्र पर विशिष्ट स्थान दिला सकता है। यह शोध
भविष्य की नीतिगत दिशा-निर्देश और विकास मॉडल प्रस्तुत करता है, जो ग्रामीण विरासत
पर्यटन को नए आयाम देंगे।
DOI: 10.22271/27069109.2025.v7.i5c.427Pages: 204-206 | Views: 133 | Downloads: 58Download Full Article: Click Here
How to cite this article:
महेन्द्र कुमार, जुबैदा मिर्ज़ा.
जोधपुर के ग्रामीण अंचलों में विरासतीय पर्यटन का विकास : वर्तमान स्थिति और भविष्य की दिशा. Int J Hist 2025;7(5):204-206. DOI:
10.22271/27069109.2025.v7.i5c.427