उत्तर बिहार में ब्रिटिश शासनकाल में नहर और सिंचाई व्यवस्था का प्रभाव: एक ऐतिहासिक विश्लेषण
Author(s): प्रेमलता कुमारी
Abstract: उत्तर बिहार की भौगोलिक संरचना, विशेषतः इसकी नदियों की बहुलता और उपजाऊ जलोढ़ भूमि, इसे कृषि के लिए उपयुक्त बनाती है। प्राचीन काल से ही यहाँ सिंचाई की परंपरागत प्रणालियाँ विकसित होती रही थीं, जो स्थानीय संसाधनों और सामुदायिक सहयोग पर आधारित थीं। इन प्रणालियों में अहर-पाइन, तालाब, नाला और कूप आदि प्रमुख थे, जो वर्षा जल पर आधारित प्राकृतिक प्रणाली से सिंचित होते थे।ब्रिटिश शासन के आगमन के साथ ही भारतीय कृषि व्यवस्था में एक निर्णायक मोड़ आया। अंग्रेजों ने भारत को कच्चे माल की आपूर्ति का स्रोत और तैयार माल का बाजार मानते हुए कृषि को एक वाणिज्यिक गतिविधि के रूप में ढालना शुरू किया। उत्तर बिहार, जहाँ पहले कृषि मुख्यतः आत्मनिर्भरता और भोजन सुरक्षा की दृष्टि से होती थी, वहाँ अब नकदी फसलों – विशेषकर नील, गन्ना और अफीम – की खेती को बढ़ावा दिया गया।इस वाणिज्यिक कृषि व्यवस्था को स्थायी और लाभकारी बनाने के लिए अंग्रेजों ने नहरों और अन्य सिंचाई परियोजनाओं की शुरुआत की। लेकिन ये परियोजनाएँ जनकल्याण की बजाय राजस्व वृध्दि और निर्यातोन्मुख कृषि को बढ़ावा देने के लिए थीं। इससे एक ओर जहाँ सिंचाई की पहुँच कुछ क्षेत्रों तक बढ़ी, वहीं दूसरी ओर पारंपरिक प्रणालियाँ उपेक्षित हुईं और सामाजिक-सांस्कृतिक सामंजस्य पर भी विपरीत प्रभाव पड़ा।ब्रिटिश सरकार ने उत्तर बिहार में अनेक नहर परियोजनाओं को आरंभ किया, परन्तु उनकी संरचना, उद्देश्य और क्रियान्वयन की प्रक्रिया स्थानीय जरूरतों से मेल नहीं खाती थी। जल संसाधनों पर राज्य का नियंत्रण बढ़ गया और ग्रामीण समुदाय जल प्रबंधन से अलग होता गया। सिंचाई के इस औपनिवेशिक दृष्टिकोण ने ग्रामीण समाज की पारंपरिक आत्मनिर्भरता को तोड़ा और कृषि को एक व्यापारी पूंजीवादी प्रणाली में परिवर्तित कर दिया।अतः उत्तर बिहार में ब्रिटिश कालीन सिंचाई व्यवस्था का अध्ययन केवल एक तकनीकी या बुनियादी ढाँचे का विश्लेषण नहीं है, बल्कि यह उस ऐतिहासिक प्रक्रिया की पड़ताल है जिसमें पानी, खेती और सत्ता के संबंध पुनर्परिभाषित हुए। यह विषय वर्तमान जल नीति और कृषि विकास की रणनीतियों के लिए भी महत्त्वपूर्ण संदर्भ प्रदान करता है।
DOI: 10.22271/27069109.2025.v7.i5c.419Pages: 180-183 | Views: 103 | Downloads: 59Download Full Article: Click Here
How to cite this article:
प्रेमलता कुमारी.
उत्तर बिहार में ब्रिटिश शासनकाल में नहर और सिंचाई व्यवस्था का प्रभाव: एक ऐतिहासिक विश्लेषण. Int J Hist 2025;7(5):180-183. DOI:
10.22271/27069109.2025.v7.i5c.419