मुगल काल में राजनीतिक सत्ता का विकास
Author(s): डॉ. श्याम मूर्ति भारती
Abstract: 16वीं शताब्दी की आरंभिक अवस्था में भारत आए मुगलों को मुगल अथवा फारसी मुगल (मंगोल) के नाम से संबोधित किया जाता है। भारत में मुगल वंश का संस्थापक बाबर को माना जाता है। मुगल वंश ने भारत में लगभग 200-250 वर्षों तक शासन किया। मुगल काल का भारतीय इतिहास में कई कारणों से महत्व है जिनमें से एक है- काल की दृष्टि से। मुगल शासकों ने जितने भी समय तक भारतवर्ष में शासन किया, किसी भी अन्य मुस्लिम राजवंश ने इतने समय तक शासन नहीं किया। इसके साथ ही मुगल वंश के शासको ने उत्तर भारत के साथ-साथ दक्षिण भारत के भी कुछ क्षेत्रों पर अपनी सत्ता का परचम बुलंद किया। मुगलों द्वारा सत्ता संचालन हेतु कुशल प्रशासनिक ढांचे का भी विकास किया गया था जिसके आधार पर उन्होंने साम्राज्य विस्तार के साथ-साथ साम्राज्य को स्थायित्व भी प्रदान किया। मुगलों के आगमन के पश्चात भारत में एक समन्वित संस्कृति की विचारधारा का भी विकास हुआ। मुगल वंश के शासको द्वारा कला, संस्कृति और वास्तुकला के संदर्भ में भी महत्वपूर्ण योगदान दिया गया। मुगलकालीन स्थापत्य में भारतीय, फारसी तथा इस्लामी परंपराओं का मिश्रण दृष्टिगोचर होता है। मुगल शासक साहित्य तथा कविता के भी महान संरक्षक थे।
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How to cite this article:
डॉ. श्याम मूर्ति भारती. मुगल काल में राजनीतिक सत्ता का विकास. Int J Hist 2024;6(1):125-128.