‘कजरी’ लोकगीत: एक ऐतिहासिक अध्ययन
Author(s): मेजर वर्मा
Abstract: भारतीय परंपरा में ऋतु और काल के अनुरूप गीत-संगीत का एक स्मृद्ध कोष है। इसी कोष में कजरी लोकगीत की एक शैली है, जिसे सावन के महीने या वर्षा ऋतु में गाया जाता है। कजरी गीत न केवल मौसम आधारित जानकारी उपलब्ध करवाते हैं बल्कि ये लोकगीत श्रृंगार रस, राजीनीति, समाजशास्त्र, अर्थशास्त्र, धर्म-कर्म, स्नेह दया, इत्यादि की भी जानकारी देते हैं। हालांकि कजरी का जन्म मिर्जापुर (उत्तर प्रदेश) में माना जाता है, लेकिन आज पूर्वी उत्तर प्रदेश में कई महत्वपूर्ण जिले अपनी अलग-अलग कजरी गायन शैली के लिए प्रसिद्ध है।
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मेजर वर्मा. ‘कजरी’ लोकगीत: एक ऐतिहासिक अध्ययन. Int J Hist 2024;6(1):94-98.