पश्चिमी सिंहभूम के हो आदिवासियों की कृषि अर्थव्यवस्था का ऐतिहासिक सर्वेक्षण
Author(s): रिनु कुमारी
Abstract: प्रस्तुत आलेख झारखंड के पश्चिमी सिंहभूम जिले के हो आदिवासियों की कृषि अर्थव्यवस्था का ऐतिहासिक समीक्षात्मक अध्ययन है। इस आलेख को द® भागों में विभाजित किया गया है। प्रथम भाग में पूर्व ब्रिटिशकालीन और ब्रिटिशकालीन हो समाज की कृषि अर्थव्यवस्था पर आधारित क्रियाकलापों का अध्ययन है, कि किस प्रकार ब्रिटिश कब्जे के पूर्व हो समाज की अर्थव्यवस्था मुख्य रूप से वन्य संग्रह और अल्पविकसित खेती के उत्पादों पर आधारित थी। 1837 ई॰ में कोल्हान गर्वमेंट इस्टेट के रूप में ब्रिटिश शासन की स्थापना के साथ ही भूमि बन्दोबस्त और वन्य अधिनियम कानून के फलस्वरूप, हो कृषि अर्थव्यवस्था में बदलाव आए। अंग्रेजों द्वारा वन्य अधिनियमों के तहत झूम कृषि व्यवस्था को समाप्त कर दिया गया और हो लोगों को स्थाई कृषि करने पर मजबूर किया गया, ताकि ब्रिटिश सरकार को स्थाई कर प्राप्त हो सके। इन प्रयासों से कृषि भूमि में विस्तार हुआ और साथ ही कृषि की स्थिति बेहतर हुई। किंतु कृषि क्षेत्र में सरकार के बढ़ते अत्यधिक दबाव के कारण, हो वैकल्पिक रोजगार ढूंढने लगे, अब हो लोगों को रोजगार के लिए ठेकेदारों के अधीन जंगल, खदान, ईट भट्टों, सड़क एवं रेलवे निर्माण आदि में मजदूरी करनी पड़ी। जिससे उनकी आर्थिक स्थिति तो मजबूत होती है, किंतु अब वे कृषक से मजदूर बन गए। जिससे कृषि की यथा स्थिति में गिरावट आती है।
दूसरे भाग में, 19वीं सदी के उतरार्द्ध में कोल्हान में शिक्षा का आगमन एवं प्रसार होता है। स्वाधीनोत्तर कल तक आते-आते बड़ी संख्या में हो आदिवासी शिक्षित होने लगे। शिक्षित नौकरी पेशा वाले हो लोगों को समाज में सम्मान की दृष्टि से देखा जाने लगा। शिक्षित हो लोग कृषि कार्य को छोड़ आजीविका के रूप में नौकरीपेशा को अपने लगे। जिससे हो आदिवासी कृषि अर्थव्यवस्था कमजोर पड़ने लगती है। कालांतर में, शिक्षित हो समाज ने पुनः कृषि के महत्व को समझा, जिससे शिक्षा प्राप्त हो आदिवासी कृषक, कृषि के क्षेत्र में आधुनिक तकनीकी बदलाव लाने लगे और अपने परंपरागत कृषि अर्थव्यवस्था को बचाने के लिए कार्य करने लगे।
DOI: 10.22271/27069109.2024.v6.i1b.263Pages: 75-80 | Views: 673 | Downloads: 349Download Full Article: Click Here
How to cite this article:
रिनु कुमारी.
पश्चिमी सिंहभूम के हो आदिवासियों की कृषि अर्थव्यवस्था का ऐतिहासिक सर्वेक्षण. Int J Hist 2024;6(1):75-80. DOI:
10.22271/27069109.2024.v6.i1b.263