चंदेलकालीन बà¥à¤¨à¥à¤¦à¥‡à¤²à¤–णà¥à¤¡ कà¥à¤·à¥‡à¤¤à¥à¤° में विà¤à¤¿à¤¨à¥à¤¨ पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤° की जल संरचनाà¤à¤‚
Author(s): डाॅ. नीता यादव, राम रूप तà¥à¤°à¤¿à¤ªà¤¾à¤ ी
Abstract: पूरà¥à¤µ मधà¥à¤¯à¤•à¤¾à¤² में बà¥à¤¨à¥à¤¦à¥‡à¤²à¤–णà¥à¤¡ कà¥à¤·à¥‡à¤¤à¥à¤° में चंदेल नामक कà¥à¤·à¥‡à¤¤à¥à¤°à¥€à¤¯ शकà¥à¤¤à¤¿ का उदय होता है। बà¥à¤¨à¥à¤¦à¥‡à¤²à¤–णà¥à¤¡ कà¥à¤·à¥‡à¤¤à¥à¤° में उतà¥à¤¤à¤° पà¥à¤°à¤¦à¥‡à¤¶ और मधà¥à¤¯à¤ªà¥à¤°à¤¦à¥‡à¤¶ के जिले समà¥à¤®à¤¿à¤²à¤¿à¤¤ है। चंदेलों का शासन 9वीं शताबà¥à¤¦à¥€ से शà¥à¤°à¥‚ होकर 16वीं शताबà¥à¤¦à¥€ तक शासन देखने को मिलता है। यह कà¥à¤·à¥‡à¤¤à¥à¤° हमेशा से पानी की कमी से जूà¤à¤¤à¤¾ रहा है। विंधà¥à¤¯à¤¾à¤šà¤² परà¥à¤µà¤¤à¤®à¤¾à¤²à¤¾ इस कà¥à¤·à¥‡à¤¤à¥à¤° के बीच से गà¥à¤œà¤°à¤¤à¥€ है। à¤à¥Œà¤—ोलिक रूप से इस कà¥à¤·à¥‡à¤¤à¥à¤° में परà¥à¤µà¤¤à¥‹à¤‚, पहाड़ियों की अधिकता रही, जिसके कारण बरसाती पानी नदी, नालों मे बहकर चला जाता था। लेकिन यही पहाड़ियां जल को इकटà¥à¤ ा करने के लिठअचà¥à¤›à¥‡ माधà¥à¤¯à¤® थे। à¤à¤¤à¤¿à¤¹à¤¾à¤¸à¤¿à¤• काल में बरसाती पानी को सहेजने की कोशिशे शà¥à¤°à¥‚ हà¥à¤ˆà¥¤ चंदेल राजाओं ने दो पहाडियों के बीच पतà¥à¤¥à¤° और मिटà¥à¤Ÿà¥€ का पà¥à¤°à¤¯à¥‹à¤— करते हà¥à¤ बडे-बडे बाà¤à¤§à¥‹à¤‚ का निरà¥à¤®à¤¾à¤£ करवाया। पहाडियों के नीचे अरà¥à¤¦à¥à¤§à¤šà¤‚दà¥à¤°à¤•à¤¾à¤° आकार के बाà¤à¤§ निरà¥à¤®à¤¿à¤¤ किये गये जिनमें पहाडियों से आने वाला बरसाती पानी इकटà¥à¤ ा होता था। पहाडीं किलों के अंदर विà¤à¤¿à¤¨à¥à¤¨ पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤° के तालाबों का निरà¥à¤®à¤¾à¤£ कर बरसाती पानी को संरकà¥à¤·à¤¿à¤¤ किया गया था। पहाडियों के ऊपर ही पà¥à¤°à¤¾à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿à¤• पानी के जल सà¥à¤¤à¥à¤°à¥‹à¤‚तो के पानी का जल संरचनाओं का निरà¥à¤®à¤¾à¤£ कर उनà¥à¤¹à¥‡ संरकà¥à¤·à¤¿à¤¤ किया गया। इन जल संरचनाओं के निरà¥à¤®à¤¾à¤£ ने जीवन निरà¥à¤µà¤¾à¤¹ हेतॠकठिन à¤à¥Œà¤—ोलिक कà¥à¤·à¥‡à¤¤à¥à¤° को लोगों से आबाद किया।
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डाॅ. नीता यादव, राम रूप तà¥à¤°à¤¿à¤ªà¤¾à¤ ी. चंदेलकालीन बà¥à¤¨à¥à¤¦à¥‡à¤²à¤–णà¥à¤¡ कà¥à¤·à¥‡à¤¤à¥à¤° में विà¤à¤¿à¤¨à¥à¤¨ पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤° की जल संरचनाà¤à¤‚. Int J Hist 2024;6(1):01-05.