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International Journal of History

2023, Vol. 5, Issue 2, Part C

देवदासी प्रथा तथा उसका अंत करने वाली डॉक्टर मुथुलक्ष्मी रेड्डी का अध्ययऩ


Author(s): लता रानी चौहान

Abstract:
भारतीय महिलाओं का नाम नई-नई उपलब्धियों के लिए सदैव अग्रणीय रहा है। आधुनिक भारत की महिलाएं देश विदेश में अपने परिश्रम, हुनर से सफलता का परचंम लहरा रही हैं। लेकिन इतिहास के पन्ने पलट कर देखें तो कई ऐसी भी महिलाएं रहीं, जिन्होंने बीते दौर में भी कुछ ऐसा कर दिखाया, जो इतिहास में हमेशा के लिए यादगार बन गया। देश की आजादी से पहले राजशाही सत्ता संभालने वाली राजकुमारी और रानियों से लेकर ईस्ट इंडिया कंपनी और अंग्रेजों की तानाशाही के खिलाफ आवाज उठाने वाली महिला योद्धाओं तक, स्वतंत्रता संग्राम की लड़ाई में शामिल होने वाली महिलाओं से लेकर, आजाद भारत की राजनीति का हिस्सा बनने वाली महिलाओं ने नारी शक्ति की मिसाल पेश की है। इतिहास के पन्नों से आज हम ऐसी ही एक नारी शक्ति की चर्चा करने जा रहे है, जिनके नाम कई उपलब्धियां दर्ज हैं, जिन्होंने महिला विरोधी कुरीतियों के खिलाफ आवाज उठाई। इस महिला का नाम मुथुलक्ष्मी रेड्डी है, जिन्होंने देश में व्याप्त देवदासी प्रथा का अंत किया था।


Pages: 182-190 | Views: 495 | Downloads: 108

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How to cite this article:
लता रानी चौहान. देवदासी प्रथा तथा उसका अंत करने वाली डॉक्टर मुथुलक्ष्मी रेड्डी का अध्ययऩ. Int J Hist 2023;5(2):182-190.
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