मौखिक इतिहास में सà¥à¤®à¥ƒà¤¤à¤¿, तथà¥à¤¯ और संसà¥à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿ के माधà¥à¤¯à¤® से मजदूर वरà¥à¤— का इतिहास
Author(s): Ajeet Kumar
Abstract: यह लेख मजदूर वरà¥à¤— की सà¥à¤®à¥ƒà¤¤à¤¿ और संसà¥à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿ तथा उनकी यादों के मौखिक सà¥à¤°à¥‹à¤¤à¥‹à¤‚ के माधà¥à¤¯à¤® से लिखित रिकॉरà¥à¤¡ की तà¥à¤²à¤¨à¤¾ करके मजदूर वरà¥à¤— की कहानियों, पà¥à¤°à¤¤à¥€à¤•à¥‹à¤‚, किंवदंतियों और कालà¥à¤ªà¤¨à¤¿à¤• पà¥à¤¨à¤°à¥à¤¨à¤¿à¤°à¥à¤®à¤¾à¤£ की संरचना को निहित करता है। जिसमें सà¥à¤®à¥ƒà¤¤à¤¿ और तथà¥à¤¯ मौखिक इतिहास का सà¥à¤µà¤°à¥à¤ª तैयार किया गया है।à¤à¤²à¥‡à¤¸à¥‡à¤‚डà¥à¤°à¥‹ पोरà¥à¤Ÿà¥‡à¤²à¥€ अपनी पà¥à¤¸à¥à¤¤à¤• ‘द डेथ ऑफ लà¥à¤‡à¤—ी टà¥à¤°à¥ˆà¤¸à¥à¤Ÿà¥à¤²à¥€’ में बताते हैं कि पारंपरिक संसà¥à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ में सांसà¥à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿à¤• केनà¥à¤¦à¥à¤°à¥‹à¤‚ के अधà¥à¤¯à¤¯à¤¨ और मौखिक इतिहास के दृषà¥à¤Ÿà¤¿à¤•à¥‹à¤£ से इतावली मौखिक इतिहास अनà¥à¤¸à¤‚धान परंपरा के बारे में बताते हैं, जिसमें राजनैतिक पà¥à¤°à¤¶à¥à¤¨ अपना à¤à¤•à¤…à¤à¤¿à¤¨à¥à¤¨ हिसà¥à¤¸à¤¾ रखता है। इस दृषà¥à¤Ÿà¤¿à¤•à¥‹à¤£ का मूल आधार यह है कि à¤à¤¤à¤¿à¤¹à¤¾à¤¸à¤¿à¤• तौर पर हाशिये के लोगों को सà¥à¤¨à¤¨à¤¾ या सà¥à¤¨à¤¾à¤¨à¤¾ ही काफी नहीं है बलà¥à¤•à¤¿ उनकी आवाजो को वरà¥à¤— के आधार पर तथा उनके यादों के दमन की सà¥à¤¥à¤¿à¤¤à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ कि जांच à¤à¥€ à¤à¤• अहम पà¥à¤°à¤¶à¥à¤¨ है। तथा बहà¥à¤¸à¤‚सà¥à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿ परिपà¥à¤°à¥‡à¤•à¥à¤·à¥à¤¯ के साथ यह मौखिक इतिहास के लिठनई चà¥à¤¨à¥Œà¤¤à¥€à¤ªà¥‚रà¥à¤£ दृषà¥à¤Ÿà¤¿à¤•à¥‹à¤£ पà¥à¤°à¤¦à¤¾à¤¨ करता है, जो औदà¥à¤¯à¥‹à¤—िक समाज में सामाजिक समूहों और वरà¥à¤—ों के बीच सांसà¥à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿à¤• संघरà¥à¤· और संचार की जांच करते हà¥à¤ लोगों को अपने जीवन को समà¤à¤¨à¥‡ के लिठतथा उनकी यादों के तरीकों की पहचान के लिठमौखिक इतिहास के विशà¥à¤²à¥‡à¤·à¤£ में à¤à¤• वासà¥à¤¤à¤µà¤¿à¤• सफलता है। पोरà¥à¤Ÿà¥‡à¤²à¥€ का मानना की खेल सामानà¥à¤¯ रूप से विà¤à¤¾à¤œà¤¿à¤¤ समाजों को à¤à¤•à¤œà¥à¤Ÿ और शांत करने में मदद करते हैं। खेलो को शà¥à¤°à¤®à¤¿à¤•à¥‹à¤‚ के दैनिक अनà¥à¤à¤µ से कई तरीकों से जोड़ा गया शà¥à¤°à¤®à¤¿à¤•à¥‹à¤‚ की पहचान खेलों से की जाती थी, कà¥à¤¯à¤¾ यह सच हो सकता है। कà¥à¤¯à¤¾ खेल सामानà¥à¤¯ रूप से विà¤à¤¾à¤œà¤¿à¤¤ समाजों को à¤à¤•à¤œà¥à¤Ÿ और शांत करने में मदद करते हैं।मौखिक इतिहास में समय, कारà¥à¤¯, धà¥à¤µà¤¨à¤¿, सà¥à¤ªà¥‡à¤¸, खेल सबका अपना महतà¥à¤µ और सà¥à¤¥à¤¾à¤¨ होता है। कहानी सà¥à¤¨à¤¾à¤¨à¥‡ का अरà¥à¤¥ समय के खतरे के खिलाफ हथियार उठाना, समय का विरोध करना या समय का सदà¥à¤ªà¤¯à¥‹à¤— करना। जैसे कथाकारों को समय से सà¥à¤µà¤¯à¤‚ को ठीक करने और समय में आगे बढ़ने के लिठकहानी को सà¥à¤°à¤•à¥à¤·à¤¿à¤¤ करना आवशà¥à¤¯à¤• है। यह वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿à¤—त और सामूहिक कहानियों पर à¤à¥€ लागू होता है। उन मिथकों पर à¤à¥€ जो à¤à¤• समूह तथा वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿à¤—त यादों की पहचान को आकार देता हैं यानी कहानी समय के साथ टकराव है, कहानी को बनाठरखने के लिठà¤à¤• विशेष कà¥à¤› वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿à¤—त यादों का समय हो सकता है।जैसे की ‘बैक इन सà¥à¤²à¥‡à¤µà¤°à¥€ टाइमà¥à¤¸’ फारà¥à¤®à¥‚ला का इसà¥à¤¤à¥‡à¤®à¤¾à¤² लोक कथाओं, वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿à¤—त या पारिवारिक तथा उन दोनों को पेश करने के लिठकिया जा सकता है। मैं यहां समय और कहानियों के माधà¥à¤¯à¤® से समय और कहानियों के बीच के संबंध का पता लगाने का पà¥à¤°à¤¯à¤¾à¤¸ करूंगा जैसा कि मौखिक कथाकारओ दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ बताया जाता है। कà¥à¤¯à¥‹à¤‚कि वह कलेकà¥à¤Ÿà¤° की उपसà¥à¤¥à¤¿à¤¤à¤¿ से आकार लेते हैं और जैसा कि वह इतिहासकारों दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ लिखे गठहैं और लेखक दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ इन विषय पर जोर दिया गया। वहीं कहानियां सà¥à¤¨à¤¾à¤¨à¥‡ का à¤à¥€ समय होता है, उदाहरण के लिठà¤à¤¸à¥‡ किसà¥à¤¸à¥‡ जो कि सà¥à¤¸à¤®à¤¾à¤šà¤¾à¤° के पाठन में जो की कहानी के संदरà¥à¤ में à¤à¤• विशेष गà¥à¤£ लेते हैं। कà¥à¤¯à¤¾ सच में जीवन का इतिहास और वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿à¤—त कहानियां समय पर निरà¥à¤à¤° करती है, कà¥à¤¯à¥‹à¤‚कि वह कथाकारों के जीवन के पà¥à¤°à¤¤à¥à¤¯à¥‡à¤• दिन के जोड़ और घटाव से गà¥à¤œà¤°à¤¤à¥‡ हैं।मैं इन सवालों को à¤à¤¾à¤°à¤¤ के आज़ादी के बाद इतने सालो बाद à¤à¥€ उसकी कà¥à¤¯à¤¾ पà¥à¤°à¤¾à¤¸à¤‚गिकता है, उनकी जिनà¥à¤¦à¤—ी में कà¥à¤¯à¤¾ बदलाव आया है, को मौखिक इतिहास के माधà¥à¤¯à¤® से बताने का पà¥à¤°à¤¯à¤¾à¤¸ करूंगा।
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Ajeet Kumar. मौखिक इतिहास में सà¥à¤®à¥ƒà¤¤à¤¿, तथà¥à¤¯ और संसà¥à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿ के माधà¥à¤¯à¤® से मजदूर वरà¥à¤— का इतिहास. Int J Hist 2023;5(2):32-38.