गोडवाड़ का मीणा इतिहास
Author(s): Chandra Prakash Meena
Abstract: इस पà¥à¤°à¤¸à¥à¤¤à¥à¤¤ शोध-पतà¥à¤° में मारवाड़-गोडवाड़ कà¥à¤·à¥‡à¤¤à¥à¤° मे बसी पà¥à¤°à¤¾à¤šà¥€à¤¨ मीणा जनजाति के गौरवमयी इतिहास को उलà¥à¤²à¥‡à¤–ित करता है। राजपूतो के आगमन से पूरà¥à¤µ यह कà¥à¤·à¥‡à¤¤à¥à¤° यहाॅ के मूल निवासियो के अधिकार कà¥à¤·à¥‡à¤¤à¥à¤° मे था। हालांकि इन मूलनिवासियो का अधिकार कà¥à¤·à¥‡à¤¤à¥à¤° सà¥à¤¥à¤¾à¤¨à¥€à¤¯ à¤à¤µà¤‚ सीमित था। इनकी अपनी समृदà¥à¤§ ससà¥à¤•à¥ƒà¤‚ति व परमà¥à¤ªà¤°à¤¾à¤à¥… मौजूद थी। मूलनिवासी मीणा इतने शिकà¥à¤·à¤¿à¤¤ नही थे कि अपने गौरवमयी इतिहास को लिखवा सके या शिलालेख पर उतà¥à¤•à¥€à¤°à¥à¤£ करवा सके। इनका इतिहास मौखिक परमà¥à¤ªà¤°à¤¾ पर आधारित पीà¥à¥€ दर पीà¥à¥€ हसà¥à¤¤à¤¾à¤‚रित होता था ठीक उसी पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤° जिस पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤° वेदो का जà¥à¤žà¤¾à¤¨ शà¥à¤°à¥à¤¤à¤¿ पर आधारित था। मीणाओ की वीरता और धीरता के इतिहास को दबाया नही जा सका और आधà¥à¤¨à¤¿à¤• इतिहासकारो को अनायास ही इतिहास लेखनी मे मीणाओ को सà¥à¤¥à¤¾à¤¨ देना पड़ा कà¥à¤¯à¥‹à¤‚कि सतà¥à¤¯ को कितना à¤à¥€ दबाओ बाहर निकल ही आता है। समय के चकà¥à¤° ने मीणाओ को पूरà¥à¤µ के शासक,मधà¥à¤¯à¤•à¤¾à¤² के चोर-डाकू, आधà¥à¤¨à¤¿à¤• काल के खेतिहर मजदूर बनने के लिठमजबूर किया लेकिन इनके पà¥à¤°à¤®à¥à¤– गà¥à¤£ ‘‘वीरता’’ को इनसे कोई नही छीन सका जो आज à¤à¥€ इनके खून मे मौजूद है। पà¥à¤°à¤¾à¤šà¥€à¤¨à¤•à¤¾à¤² में इसी वीरता वाले गà¥à¤£à¥‹ के कारण मूलनिवासी मीणाओ ने अपने छोटे-बड़े राजà¥à¤¯ सà¥à¤¥à¤¾à¤ªà¤¿à¤¤ किये। राजपूतो के आगमन के साथ ही à¤à¤•-à¤à¤• कर मीणाओ से उनकी सतà¥à¤¤à¤¾ छीन ली गई। इनà¥à¤¹à¥‹à¤¨à¥‡ जंगलो को अपनी शरणसà¥à¤¥à¤²à¥€ बनाया और अपने ‘‘मेवासे’’ सà¥à¤¥à¤¾à¤ªà¤¿à¤¤ किये। इनà¥à¤¹à¥‹à¤¨à¥‡ सà¥à¤–ः की बजाय दà¥à¤–ः अरà¥à¤¥à¤¾à¤¤à¥ अधीनता की बजाय संघरà¥à¤· का रासà¥à¤¤à¤¾ अपनाया जिसे कालांतर मे महाराणा पà¥à¤°à¤¤à¤¾à¤ª जैसे महान शासक ने à¤à¥€ चà¥à¤¨à¤¾ और यही नियति को सà¥à¤µà¥€à¤•à¤¾à¤° था। यहाॅ के शासको को हमेशा चà¥à¤¨à¥Œà¤¤à¥€ देते रहे, अंगà¥à¤°à¥‡à¤œà¥‹ के तोप व बंदूको ने मीणाओ को नियतà¥à¤°à¤‚ण मे किया लेकिन इनकी सà¥à¤µà¤šà¥à¤›à¤¨à¥à¤¦à¤¤à¤¾ को आज तक कोई काबू मे नही कर पाया। इसी बहादà¥à¤°à¥€ के कारण अंगà¥à¤°à¥‡à¤œà¥‹ ने मीणाओ को फौज मे à¤à¤°à¥à¤¤à¥€ करने के लिठà¤à¤°à¤¿à¤¨à¤ªà¥à¤°à¤¾ छावणी मे विषेष à¤à¤°à¥à¤¤à¥€ की गई।
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How to cite this article:
Chandra Prakash Meena. गोडवाड़ का मीणा इतिहास. Int J Hist 2023;5(1):182-184.