आधुनिक बिहार: एक ऐतिहासिक अध्ययन
Author(s): डाॅ॰ श्याम मूर्ति भारती
Abstract: बिहार, विहार शबà¥à¤¦ का अपà¤à¥à¤°à¤‚श है, जिसका अरà¥à¤¥ है- निवास। बिहार à¤à¤¾à¤°à¤¤ के सबसे पà¥à¤°à¤¾à¤¨à¥‡ बसे हà¥à¤ सà¥à¤¥à¤¾à¤¨à¥‹à¤‚ में से à¤à¤• है। तथा इसका à¤à¤• गौरवशाली अतीत रहा है। गंगा à¤à¤µà¤‚ उसकी सहायक नदियों के कà¥à¤·à¥‡à¤¤à¥à¤° में अवसà¥à¤¥à¤¿à¤¤ बिहार पà¥à¤°à¤¾à¤šà¥€à¤¨à¤•à¤¾à¤² में विशाल सामà¥à¤°à¤¾à¤œà¥à¤¯à¥‹à¤‚, शिकà¥à¤·à¤¾ केनà¥à¤¦à¥à¤°à¥‹à¤‚ तथा संसà¥à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿ का गॠथा। मधà¥à¤¯à¤•à¤¾à¤² में यह पहली बार दिलà¥à¤²à¥€ के पà¥à¤°à¤à¤¾à¤µ में आया। बिहार को जीतने वाला पà¥à¤°à¤¥à¤® मà¥à¤¸à¥à¤²à¤¿à¤® विजेता बखà¥à¤¤à¤¿à¤¯à¤¾à¤° खिलजी को माना जाता है। मधà¥à¤¯à¤•à¤¾à¤²à¥€à¤¨ बिहार में अजीमाबाद (पटना) फारसी का सबसे बड़ा केनà¥à¤¦à¥à¤° था। आधà¥à¤¨à¤¿à¤• बिहार, जिसकी राजधानी पटना है। इसका à¤à¤¤à¤¿à¤¹à¤¾à¤¸à¤¿à¤• कालकà¥à¤°à¤® सामानà¥à¤¯à¤¤à¤ƒ यूरोपीय वà¥à¤¯à¤¾à¤ªà¤¾à¤°à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ के आगमन से माना जाता है। वà¥à¤¯à¤¾à¤ªà¤¾à¤° हेतॠजब यूरोपीय वà¥à¤¯à¤¾à¤ªà¤¾à¤°à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ का à¤à¤¾à¤°à¤¤ आगमन हà¥à¤† तो इस कà¥à¤°à¤® में उनका बिहार à¤à¥€ आना हà¥à¤†à¥¤ बिहार आनेवाले यूरोपीय वà¥à¤¯à¤¾à¤ªà¤¾à¤°à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ में पà¥à¤°à¥à¤¤à¤—ीज, डच, फà¥à¤°à¤¾à¤à¤¸à¥€à¤¸à¥€, डेनिस तथा अंगà¥à¤°à¥‡à¤œ ईसà¥à¤Ÿ इंडिया कंपनी आदि पà¥à¤°à¤®à¥à¤– थे। यूरोपीय वà¥à¤¯à¤¾à¤ªà¤¾à¤°à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ के à¤à¤¾à¤°à¤¤ आगमन से à¤à¤¾à¤°à¤¤ का समà¥à¤¬à¤‚ध अंतराषà¥à¤Ÿà¥à¤°à¥€à¤¯ वà¥à¤¯à¤¾à¤ªà¤¾à¤° से जà¥à¥œà¤¾à¥¤ यूरोपीय वà¥à¤¯à¤¾à¤ªà¤¾à¤°à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ ने अपने औपनिवेशिक हितों को धà¥à¤¯à¤¾à¤¨ में रखते हà¥à¤ बिहार में अपनी फैकà¥à¤Ÿà¥à¤°à¤¿à¤¯à¤¾à¤ सà¥à¤¥à¤¾à¤ªà¤¿à¤¤ की। यà¥à¤°à¥‹à¤ªà¥€à¤¯ कंपनियों ने जब बिहार की राजनीति में हसà¥à¤¤à¤•à¥à¤·à¥‡à¤ª कर शासन संचालन का पà¥à¤°à¤¯à¤¾à¤¸ किया। तो बिहार के लोगों नें इसका पà¥à¤°à¤¬à¤² विरोध किया। फलतः à¤à¤• सà¥à¤µà¤¤à¤¨à¥à¤¤à¥à¤° राजà¥à¤¯ की मांग उठी तथा आगे चलकर पृथक सà¥à¤µà¤¤à¤‚तà¥à¤° राजà¥à¤¯ के रूप में बिहार का गठन हà¥à¤†à¥¤
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How to cite this article:
डाॅ॰ श्याम मूर्ति भारती. आधुनिक बिहार: एक ऐतिहासिक अध्ययन. Int J Hist 2022;4(2):181-184.