भारत में बदलती हुई संस्कृति का समीक्षात्मक अध्ययन
Author(s): संजय कुमार पासवान
Abstract: भारत एक सांस्कृतिक रूप से समृद्ध राष्ट्र है, जिसकी संस्कृति हजारों वर्षों से विविध प्रभावों—जैसे वैदिक परंपराएँ, मुगल शासन, और औपनिवेशिक काल—के साथ विकसित हुई है। यह शोध पत्र भारत में बदलती हुई संस्कृति का समीक्षात्मक विश्लेषण प्रस्तुत करता है, जिसमें परंपराएँ, सामाजिक मूल्य, जीवनशैली, और सामुदायिक संरचना जैसे पहलुओं पर ध्यान दिया गया है। आधुनिकीकरण, वैश्वीकरण, और तकनीकी प्रगति ने भारतीय समाज को नए आयाम प्रदान किए हैं, जैसे शहरीकरण, महिला सशक्तिकरण, और वैश्विक पहचान। इसके साथ ही, पश्चिमी प्रभावों ने उपभोक्तावाद, व्यक्तिवाद, और भाषाई परिवर्तन को बढ़ावादिया है। हालांकि, इन परिवर्तनों ने पारंपरिक मूल्यों जैसे की संयुक्त परिवार, संयम, और सांस्कृतिक विविधता—के क्षरण की चुनौतियाँ भी उत्पन्न की हैं। इस अध्ययन का लक्ष्य इन बदलावों के कारणों (जैसे सोशल मीडिया, आर्थिक उदारीकरण), प्रभावों (जैसे सांस्कृतिक पहचान का संकट, सामाजिक असमानता), और भविष्य की संभावनाओं (जैसे संतुलित विकास, तकनीकी संरक्षण) को गहराई से समझना है। यह पत्र गुणात्मक विश्लेषण के माध्यम से यह तर्क देता है कि भारत अपनी सांस्कृतिक विरासत को संरक्षित करते हुए आधुनिकता को अपनाने की राह पर चल सकता है, बशर्ते नीतियाँ और सामुदायिक प्रयास संतुलित हों। यह शोध भारत की सांस्कृतिक यात्रा को समझने के लिए एक व्यापक दृष्टिकोण प्रस्तुत करता है।
Pages: 42-46 | Views: 56 | Downloads: 19Download Full Article: Click Here
How to cite this article:
संजय कुमार पासवान. भारत में बदलती हुई संस्कृति का समीक्षात्मक अध्ययन. Int J Hist 2022;4(1):42-46.