औपनिवेषिक भारत में विज्ञान तथा प्रौद्योगिकी का विकास
Author(s): दिनेश सिंह, डॉ0 प्रतिभा शर्मा
Abstract: औपनिवेषिक भारत में तत्कालीन ब्रिटिष प्रषासन की रूचि भारत में अपने राजनीतिक और आर्थिक आधिपत्य को सुदृढ़ करने में थी। उन्होंने भारतीय संसाधनों का पूरी तरह से उपयोग किया। इस प्रयोजन के लिए केवल नाम मात्र के वैज्ञानिक मूल ढांचे को विकसित किया गया। औपनिवेषिक भारत में तत्कालीन ब्रिटिष प्रषासन की भौतिकी, रसायन षास्त्र और कृशि जैसे क्षेत्रों में, जिनके लिए वैज्ञानिक विकास की आवष्यकता नहीं समझी गयी, कोई ध्यान नहीं दिया गया। औपनिवेषीकरण की इस अवधि में भारत की सांस्कृतिक धरोहर, वैज्ञानिक परम्परा और षिक्षा पद्धति प्रायः नश्ट हो गयी। इनका स्थान दासता की परम्परा और ऐसी षिक्षा ने ले लिया जिसका प्रयोजन आज्ञाकारिता को जन्म देना था, जिज्ञासा की मुक्त और सृजनात्मक भावना को दबाना था।
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दिनेश सिंह, डॉ0 प्रतिभा शर्मा. औपनिवेषिक भारत में विज्ञान तथा प्रौद्योगिकी का विकास. Int J Hist 2021;3(2):44-45.