औपनिवेषिक à¤à¤¾à¤°à¤¤ में विजà¥à¤žà¤¾à¤¨ तथा पà¥à¤°à¥Œà¤¦à¥à¤¯à¥‹à¤—िकी का विकास
Author(s): दिनेश सिंह, डॉ0 पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤à¤¾ शरà¥à¤®à¤¾
Abstract: औपनिवेषिक à¤à¤¾à¤°à¤¤ में ततà¥à¤•à¤¾à¤²à¥€à¤¨ बà¥à¤°à¤¿à¤Ÿà¤¿à¤· पà¥à¤°à¤·à¤¾à¤¸à¤¨ की रूचि à¤à¤¾à¤°à¤¤ में अपने राजनीतिक और आरà¥à¤¥à¤¿à¤• आधिपतà¥à¤¯ को सà¥à¤¦à¥ƒà¥ करने में थी। उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ संसाधनों का पूरी तरह से उपयोग किया। इस पà¥à¤°à¤¯à¥‹à¤œà¤¨ के लिठकेवल नाम मातà¥à¤° के वैजà¥à¤žà¤¾à¤¨à¤¿à¤• मूल ढांचे को विकसित किया गया। औपनिवेषिक à¤à¤¾à¤°à¤¤ में ततà¥à¤•à¤¾à¤²à¥€à¤¨ बà¥à¤°à¤¿à¤Ÿà¤¿à¤· पà¥à¤°à¤·à¤¾à¤¸à¤¨ की à¤à¥Œà¤¤à¤¿à¤•à¥€, रसायन षासà¥à¤¤à¥à¤° और कृशि जैसे कà¥à¤·à¥‡à¤¤à¥à¤°à¥‹à¤‚ में, जिनके लिठवैजà¥à¤žà¤¾à¤¨à¤¿à¤• विकास की आवषà¥à¤¯à¤•à¤¤à¤¾ नहीं समà¤à¥€ गयी, कोई धà¥à¤¯à¤¾à¤¨ नहीं दिया गया। औपनिवेषीकरण की इस अवधि में à¤à¤¾à¤°à¤¤ की सांसà¥à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿à¤• धरोहर, वैजà¥à¤žà¤¾à¤¨à¤¿à¤• परमà¥à¤ªà¤°à¤¾ और षिकà¥à¤·à¤¾ पदà¥à¤§à¤¤à¤¿ पà¥à¤°à¤¾à¤¯à¤ƒ नशà¥à¤Ÿ हो गयी। इनका सà¥à¤¥à¤¾à¤¨ दासता की परमà¥à¤ªà¤°à¤¾ और à¤à¤¸à¥€ षिकà¥à¤·à¤¾ ने ले लिया जिसका पà¥à¤°à¤¯à¥‹à¤œà¤¨ आजà¥à¤žà¤¾à¤•à¤¾à¤°à¤¿à¤¤à¤¾ को जनà¥à¤® देना था, जिजà¥à¤žà¤¾à¤¸à¤¾ की मà¥à¤•à¥à¤¤ और सृजनातà¥à¤®à¤• à¤à¤¾à¤µà¤¨à¤¾ को दबाना था।
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दिनेश सिंह, डॉ0 पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤à¤¾ शरà¥à¤®à¤¾. औपनिवेषिक à¤à¤¾à¤°à¤¤ में विजà¥à¤žà¤¾à¤¨ तथा पà¥à¤°à¥Œà¤¦à¥à¤¯à¥‹à¤—िकी का विकास. Int J Hist 2021;3(2):44-45.