प्रहलादपुर शिवाला (चन्दौली, यू. पी.) से प्राप्त अवशेषों का ऐतिहासिक परिप्रेक्ष्य
Author(s): डां0 संजय कुमार कुशवाहा
Abstract: पृथ्वी के ऊपर बहुत से ऐसे पुरास्थल विद्यमान हैं जो इतिहास के लंबे कालखंड की गाथा को अपने गर्भ में सजोये हुए हैं। जो समय के साथ गुलजार हुए और फिर काल के गाल में विलीन हो गए लेकिन वहां निवास करने वाली मानवीय जातियों के द्वारा समकालीन समय में प्रयोग की गई वस्तुएं समय के साथ छूटती गई। वर्तमान समय में इनके अवशेष टीले एवं खंडहर के रूप में प्राप्त होते हैं। प्रस्तुत लेख में ऐसे ही एक पुरास्थल प्रहलादपुर शिवाला से प्राप्त पुरावशेषों को आधार बनाकर क्षेत्र विशेष की ऐतिहासिक विरासत को उद्घाटित करने का प्रयास किया गया है। इस पुरास्थल से लगभग 800 मीटर दक्षिण की ओर प्रहलादपुर कोट नामक पूरास्थल स्थित है। जिसका उत्खनन काशी हिंदू विश्वविद्यालय के प्राचीन इतिहास विभाग के प्रोफेसर ए. के. नारायण के निर्देशन में टी. एन. राय एवं बी. पी. सिंह के द्वारा 1963 ईस्वी में करवाया गया था। इस पुरास्थल का इतिहास लगभग प्रथम शताब्दी ईसा पूर्व में समाप्त हो जाता है इसके आगे की इतिहास की जानकारी भी प्रहलादपुर शिवाला पुरास्थल से प्राप्त अवशेषों के आधार पर होती हैं। इस पुरास्थल से एक मंदिर स्थापत्य की भी प्राप्ति हुई है जिसके द्वार के ऊपर 10 पंक्तियों के लेख की भी प्राप्ति हुई है। जिसमें मूल स्थान का नाम, सन् एवं बनारस के नाम का उल्लेख है जो इस पुरास्थल की महत्ता को ऐतिहासिक विरासत की पटल पर स्थापित करता है।
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डां0 संजय कुमार कुशवाहा. प्रहलादपुर शिवाला (चन्दौली, यू. पी.) से प्राप्त अवशेषों का ऐतिहासिक परिप्रेक्ष्य. Int J Hist 2021;3(1):05-09.