भारतीय राष्ट्रीय आन्दोलन में राष्ट्रवाद का उद्भव और विकास
Author(s): रश्मि कुमारी
Abstract: भारतीय राष्ट्रीय आन्दोलन में राष्ट्रवाद का उदय और विकास अनेक वस्तुपरक एवं व्यक्तिपरक शक्तियों की अन्तक्र्रिया का परिणाम था जो कि औपनिवेशिक शासन के दौरान ऐतिहासिक प्रक्रिया में उभरकर सामने आयी थीं। यद्यपि उपनिवेशवाद भारत के आर्थिक शोषण तथा उसकी कृषि एवं हस्तशिल्प की बर्बादी में परिणत हुआ, उसने भारत के राजनीतिक एवं प्रशासनिक एकीकरण की ओर भी प्रवृत किया। आधुनिक परिवहन, नई शिक्षा, समाचार-पत्र आदि के आ जाने से जुड़ा यह कारक राष्ट्रीय चेतना के उदय में परिणत हुआ। चूँकि भारत में राष्ट्रवाद ब्रिटिश साम्राज्यवाद (जो कि अपने निष्कासन तक विदेशी ही रहा) के तत्त्वावधान में विकसित हुआ था, उसके विकास एवं समेकन में ढ़ेरों अवरोध पैदा हुए।
Pages: 177-179 | Views: 580 | Downloads: 208Download Full Article: Click HereHow to cite this article:
रश्मि कुमारी. भारतीय राष्ट्रीय आन्दोलन में राष्ट्रवाद का उद्भव और विकास. Int J Hist 2020;2(2):177-179.