International Journal of History
2020, Vol. 2, Issue 2, Part D
भारत में समकालीन सामाजिक परिवेश और नारी
Author(s): कुमारी रीता
Abstract: जिस समय बौद्ध धर्म का आविर्भाव हो रहा था उस समय की सामाजिक अवस्था निन्दनीय थी। बौद्ध धर्म के आविर्भाव के पश्चात् प्राचीन भारतीय चिंतन परम्परा की नींव हिल गयी। बुद्ध से पहले स्त्रियों की सामाजिक स्थिति प्राचीन धर्माधीन थी जो उन्हें मुख्य सामाजिक अथवा राष्ट्रीय धारा से अलग रखती थी। बुद्ध ने अपने चिंतन से स्त्रियों की दशा सुधारने का काम किया। यह धर्म निरीश्वरवादी था।
Pages: 174-176 | Views: 708 | Downloads: 324Download Full Article: Click HereHow to cite this article:
कुमारी रीता. भारत में समकालीन सामाजिक परिवेश और नारी. Int J Hist 2020;2(2):174-176.