आधà¥à¤¨à¤¿à¤• आरà¥à¤¥à¤¿à¤• नियंतà¥à¤°à¤£ à¤à¤µà¤‚ कौटिलà¥à¤¯ के विचारों का तà¥à¤²à¤¨à¤¾à¤¤à¥à¤®à¤• अधà¥à¤¯à¤¯à¤¨
Author(s): डाॅ0 मीनाकà¥à¤·à¥€ कà¥à¤®à¤¾à¤°à¥€
Abstract: पà¥à¤°à¤¸à¥à¤¤à¥à¤¤ शोध-पà¥à¤°à¤¬à¤‚ध ‘‘आधà¥à¤¨à¤¿à¤• आरà¥à¤¥à¤¿à¤• नियंतà¥à¤°à¤£ à¤à¤µà¤‚ कौटिलà¥à¤¯ की विचारों का तà¥à¤²à¤¨à¤¾à¤¤à¥à¤®à¤• अधà¥à¤¯à¤¯à¤¨’’ मे यह बताया गया है कि कौटिलà¥à¤¯à¤•à¤¾à¤²à¥€à¤¨ à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ अरà¥à¤¥à¤µà¥à¤¯à¤µà¤¸à¥à¤¥à¤¾ किस पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤° आधà¥à¤¨à¤¿à¤• आरà¥à¤¥à¤¿à¤• वà¥à¤¯à¤µà¤¸à¥à¤¥à¤¾ से समृदà¥à¤§ थी। दोनों के तà¥à¤²à¤¨à¤¾à¤¤à¥à¤®à¤• अधà¥à¤¯à¤¯à¤¨ से यह सà¥à¤ªà¤·à¥à¤Ÿ होता है कि कौटिलयकाल में जहाॅं à¤à¤• ओर कठोर नियंतà¥à¤°à¤£à¤¾à¤¤à¥à¤®à¤• नीति अपनाई गई थी। वही à¤à¤¾à¤°à¤¤ में इस पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤° के आरà¥à¤¥à¤¿à¤• नियंतà¥à¤°à¤£ के सारे उपाय किठगठथे। उपà¤à¥‹à¤•à¥à¤¤à¤¾ के हितों की रकà¥à¤·à¤¾ के लिठउपà¤à¥‹à¤•à¥à¤¤à¤¾ संबंधी कानूनों को कठोरता से अनà¥à¤ªà¤¾à¤²à¤¨ कराया जाना जहाॅं कौटिलà¥à¤¯à¤•à¤¾à¤²à¥€à¤¨ à¤à¤¾à¤°à¤¤ की à¤à¤• पà¥à¤°à¤®à¥à¤– विशेषता थी वहीं आधà¥à¤¨à¤¿à¤• à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ अरà¥à¤¥à¤µà¥à¤¯à¤µà¤¸à¥à¤¥à¤¾ आज असामाजिक वà¥à¤¯à¤µà¤¹à¤¾à¤° समाज विरोधी अनैतिक पà¥à¤°à¤µà¥ƒà¤¤à¤¿ राषà¥à¤Ÿà¥à¤° à¤à¤µà¤‚ सारà¥à¤µà¤œà¤¨à¤¿à¤• हित की अपेकà¥à¤·à¤¾, निजी लाठकी पà¥à¤°à¥‡à¤°à¤£à¤¾ काफी बलवती हो गयी है। इन सारी बातों का तà¥à¤²à¤¨à¤¾à¤¤à¥à¤®à¤• विशà¥à¤²à¥‡à¤·à¤£ इस शोध-पà¥à¤°à¤¬à¤‚ध में किया गया है।
परिचय:- कौटिलà¥à¤¯ का नाम, जनà¥à¤® तिथि और जनà¥à¤®à¤¸à¥à¤¥à¤¾à¤¨ तीनों ही विवाद के विषय रहे हैं। ‘कौटिलà¥à¤¯’ नाम की पà¥à¤°à¤®à¤¾à¤£à¤¿à¤•à¤¤à¤¾ को सिदà¥à¤§ करने के लिठपंडित शमाशासà¥à¤¤à¥à¤°à¥€ ने विषà¥à¤£à¥-पà¥à¤°à¤¾à¤£ का हवाला दिया है जिसमें कहा गया है - तानà¥à¤¨à¤¦à¤¾à¤¨ कौटलà¥à¤¯à¥‹à¤‚ बà¥à¤°à¤¾à¤¹à¤¾à¥à¤°à¤£à¤¸à¥à¤¸à¤®à¥à¤¦à¥à¤µà¤°à¤¿à¤·à¥à¤¯à¤¤à¤¿à¥¤ कà¤à¥€ कौटिलà¥à¤¯ को लेकर तो कà¤à¥€ कौटलà¥à¤¯ को लेकर कई विवाद हà¥à¤ है। इनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ कई नामों से जाना जाता है जिनमें वातà¥à¤¸à¥à¤¯à¤¾à¤¯à¤¨, मलंग, दà¥à¤°à¤µà¤¿à¤®à¤², अंगà¥à¤², वारानक, कातà¥à¤¯à¤¾à¤¨ इतà¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¿ पर इनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ पहचान चाणकà¥à¤¯ और कौटिलà¥à¤¯ के नाम से ही मिली।
कौटिलà¥à¤¯ à¤à¤¾à¤°à¤¤ के इतिहास में सबसे अधिक सकà¥à¤·à¤® राजनीतिजà¥à¤ž और मंतà¥à¤°à¥€ के रूप में जाने जाते हैं। चनà¥à¤¦à¥à¤°à¤—à¥à¤ªà¥à¤¤ मौरà¥à¤¯ का उदय होने और महान मौरà¥à¤¯ राजवंश के आगमन के पीछे कौटिलà¥à¤¯ का बहà¥à¤¤ जà¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¾ पà¥à¤°à¤à¤¾à¤µ था। वे तकà¥à¤·à¤¶à¤¿à¤²à¤¾ विशà¥à¤µà¤µà¤¿à¤¦à¥à¤¯à¤¾à¤²à¤¯ के आचारà¥à¤¯ थे। उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने नंदवंश का नाश करके चनà¥à¤¦à¥à¤°à¤—à¥à¤ªà¥à¤¤ मौरà¥à¤¯ को राजा बनाया। उनके दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ रचित ‘अरà¥à¤¥à¤¶à¤¾à¤¸à¥à¤¤à¥à¤°’ नामक गà¥à¤°à¤‚थ राजनीति, अरà¥à¤¥à¤¨à¥€à¤¤à¤¿, कृषि, समाजनीति आदि का महान गà¥à¤°à¤‚थ है। ‘‘अरà¥à¤¥à¤¶à¤¾à¤¸à¥à¤¤à¥à¤°’’ मौरà¥à¤¯à¤•à¤¾à¤²à¥€à¤¨ à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ समाज का दरà¥à¤ªà¤£ माना जाता है। कौटिलà¥à¤¯ के अरà¥à¤¥à¤¶à¤¾à¤¸à¥à¤¤à¥à¤° के अवलोकन से यह सà¥à¤ªà¤·à¥à¤Ÿ होता है कि कौटिलà¥à¤¯à¤•à¤¾à¤²à¥€à¤¨ à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ अरà¥à¤¥à¤µà¥à¤¯à¤µà¤¸à¥à¤¥à¤¾ अतà¥à¤¯à¤‚त समृदà¥à¤§ थी तथा राजा अपनी पà¥à¤°à¤œà¤¾ को पà¥à¤¤à¥à¤°à¤µà¤¤ मानते हà¥à¤ उसके बहà¥à¤®à¥à¤–ी विकास के लिठसततॠपà¥à¤°à¤¯à¤¤à¥à¤¨à¤¶à¥€à¤² रहता था।
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डाॅ0 मीनाकà¥à¤·à¥€ कà¥à¤®à¤¾à¤°à¥€. आधà¥à¤¨à¤¿à¤• आरà¥à¤¥à¤¿à¤• नियंतà¥à¤°à¤£ à¤à¤µà¤‚ कौटिलà¥à¤¯ के विचारों का तà¥à¤²à¤¨à¤¾à¤¤à¥à¤®à¤• अधà¥à¤¯à¤¯à¤¨. Int J Hist 2020;2(2):87-90.