International Journal of History
2020, Vol. 2, Issue 2, Part A
बारह पंथी: एक एतिहासिक विवेचन
Author(s): अजंना यादव
Abstract: ‘बारह पंथी’ नाथ पंथ की 12 शाखाएं हैं। नाथ पथ प्राचीन संत सम्प्रदाय है। नाथ पंथ का उद्भव आदि देव शिव से माना जाता है। नाथ नंथ के अनुयायी शिव की अराधना करते हैं। इनके साधना पद्धति हठयोग पर आधारित है। आत्म साक्षात्कार तथा समाज कल्याण नाथ पथियों का मुख्य ध्येय हैं। गोरखनाथ जी ने कर सभी शैव सम्प्रदायों को संगठित कर उस समय उन्होंने नाथ सम्प्रदाय को बारह शाखाओं में बांट दिया। प्रत्येक शाखा का अपना महात्मा तथा अपना स्थान होता है। वह स्थान उनका तीर्थ तथा महात्मा को आदि प्रर्वतक मानकर उसकी पूजा करते है। बारहपंथी शाखाओं में 6 शिव तथा 6 गोरखनाथ से सम्बन्धित नाथ पंथ से सम्बन्धित रखते हैं। ये बारह पंथी शाखाएं सम्पूर्ण भारत वर्ष में फैली हुई है।
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अजंना यादव. बारह पंथी: एक एतिहासिक विवेचन. Int J Hist 2020;2(2):34-37.