मिथिला के महान विभूति चण्डेश्वर ठाकुर का न्यायशास्त्र के क्षेत्र में योगदान
Author(s): डाॅ0 मीनाक्षी कुमारी
Abstract: पà¥à¤°à¤¸à¥à¤¤à¥à¤¤ शोध पà¥à¤°à¤¬à¤‚ध ‘‘मिथिला के महान विà¤à¥‚ति चणà¥à¤¡à¥‡à¤¶à¥à¤µà¤° ठाकà¥à¤° का नà¥à¤¯à¤¾à¤¯à¤¶à¤¾à¤¸à¥à¤¤à¥à¤° के कà¥à¤·à¥‡à¤¤à¥à¤° में योगदान बहà¥à¤¤ ही महतà¥à¤µà¤ªà¥‚रà¥à¤£ है जिसमें बताया गया है कि मिथिला विà¤à¥‚ति चणà¥à¤¡à¥‡à¤¶à¥à¤µà¤° ने परंपरागत संसà¥à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿ के समà¥à¤œà¥à¤œà¤µà¤² ततà¥à¤µà¥‹à¤‚ à¤à¤µà¤‚ मानवीय मूलà¥à¤¯à¥‹à¤‚ की पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤·à¥à¤ ा करते हà¥à¤ और साथ ही जà¥à¤žà¤¾à¤¨ के कà¥à¤·à¥‡à¤¤à¥à¤°à¥‹à¤‚ में विशेषतः नà¥à¤¯à¤¾à¤¯à¤¶à¤¾à¤¸à¥à¤¤à¥à¤° के कà¥à¤·à¥‡à¤¤à¥à¤° में अपना महान योगदान दिया है। उनका नà¥à¤¯à¤¾à¤¯ पà¥à¤°à¤•à¥à¤°à¤¿à¤¯à¤¾ से संबंधित वà¥à¤¯à¤µà¤¹à¤¾à¤°-रतà¥à¤¨à¤¾à¤•à¤¾à¤° है जिसमें अà¤à¤¿à¤¯à¥‹à¤—, उतà¥à¤¤à¤°, वाद-पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤µà¤¾à¤¦, साकà¥à¤·à¥€ पà¥à¤°à¤®à¤¾à¤£, निरà¥à¤£à¤¯ आदि नियम है वही चणà¥à¤¡à¥‡à¤¶à¥à¤µà¤° कृत विवद-रतà¥à¤¨à¤¾à¤•à¤° में हिनà¥à¤¦à¥‚-वà¥à¤¯à¤µà¤¹à¤¾à¤°à¥‹à¤‚ (विधियों-कानूनों) का विवरण है। इस शोध पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤¶à¤¨ में चणà¥à¤¡à¥‡à¤¶à¥à¤µà¤° दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ नà¥à¤¯à¤¾à¤¯ के कà¥à¤·à¥‡à¤¤à¥à¤° में किठगठकारà¥à¤¯à¥‹à¤‚ का संकà¥à¤·à¤¿à¤ªà¥à¤¤ विवरण का उलà¥à¤²à¥‡à¤– किया गया है। इनके अधà¥à¤¯à¤¯à¤¨-विशà¥à¤²à¥‡à¤·à¤£ से चणà¥à¤¡à¥‡à¤¶à¥à¤µà¤° ठाकà¥à¤° के नà¥à¤¯à¤¾à¤¯à¤¶à¤¾à¤¸à¥à¤¤à¥à¤° के मंतà¥à¤° में विशिषà¥à¤Ÿ अवदानों का पता चलता है। डाॅ0 काशी पà¥à¤°à¤¸à¤¾à¤¦ जायसवाल ने कहा है ‘‘चणà¥à¤¡à¥‡à¤¶à¥à¤µà¤° कृत रतà¥à¤¨à¤¾à¤•à¤° साहितà¥à¤¯ के इतिहास में à¤à¤• बहà¥à¤®à¥‚लà¥à¤¯ कृति है तथा धà¥à¤¯à¤¾à¤¨à¤¾à¤•à¤°à¥à¤·à¤£ योगà¥à¤¯ है।’’ उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने अपने समय की वासà¥à¤¤à¤µà¤¿à¤•à¤¤à¤¾à¤“ं पर धà¥à¤¯à¤¾à¤¨ रखते हà¥à¤ नà¥à¤¯à¤¾à¤¯ के कà¥à¤·à¥‡à¤¤à¥à¤° में अपने विचार पà¥à¤°à¤•à¤Ÿ किठहैं तथा à¤à¤µà¤¿à¤·à¥à¤¯ के लिठनवीन चिंतन की पà¥à¤°à¥‡à¤°à¤£à¤¾ दी है।
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How to cite this article:
डाॅ0 मीनाक्षी कुमारी. मिथिला के महान विभूति चण्डेश्वर ठाकुर का न्यायशास्त्र के क्षेत्र में योगदान. Int J Hist 2019;1(1):56-58.